हजारों लोगों के आस्था का केन्द्र मठ मंदिर में समय-समय पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। यहां आमदिनों में भी भक्तों की अच्छी भीड़ होती है। मंदिर से लगे तालाब में लोग ज्वारे विसर्जन, पूजन सामग्री, प्रतिमा विसर्जन करते हैं। सफाई न होने से तालाब घाट पर काफी पूजन सामग्री एकत्रित हो गई है। तालाब में काई व जलकुंभी भी है। यह जल की गुणवत्ता को भी कम करता है। सामाजिक सरोकार के तहत हर साल की तरह इस बार भी जलस्रोत को संवारने का बीड़ा ‘पत्रिका’ ने उठाया है।
श्रमदान करने के बाद लोगों ने अपने विचार भी रखे। उनका कहना था कि ऐसी धारणा है कि जल में ही पूजन सामग्री का विसर्जन किया जाए। ऐसे में नगर पालिका को सभी के धार्मिक भावनाओं का ध्यान में रखते हुए तालाब में ही कुंड बनाना चाहिए।
श्रमदान करने वालों में डीपी चतुर्वेदी कॉलेज के डायरेक्टर केके चतुर्वेदी, नगर पालिका सभापति राजिक अकील, वार्ड पार्षद राजू यादव, शिव सेंगर, जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक सौरव शुक्ला, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पारस पटेरिया, डॉ. भूपेन्द्र मिश्रा, डॉ. सनोडिया, एमएसडब्ल्यू एवं बीएसडब्ल्यू के विद्यार्थी, नगर पालिका की टीम सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
हमें बूंद-बूंद की महत्ता को समझना होगा। पत्रिका का अभियान सराहनीय है। इससे लोगों को जुडऩा चाहिए और जल संरक्षण करना चाहिए।
राजीक अकील, स्वास्थ्य सभापति, नगर पालिका आज श्रमदान करके काफी अच्छा लग रहा है। मैं सबसे कहूंगी कि वे नदी, तालाबों को संरक्षित करें। इसमें गंदगी न फैलाएं। जल है तो ही कल है।
मुस्कान विश्वकर्मा, छात्रा
स्मिता साहू, छात्रा हमलोगों ने यहां श्रमदान कर दिया, लेकिन फिर यहां सामग्री एकत्रित हो जाएगी। लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा। तभी हमारा शहर स्वच्छ बनेगा।
अंजना मालवी, छात्रा
केके चतुर्वेदी, डायरेक्टर, केके चतुर्वेदी कॉलेज
राजू यादव, पार्षद प्राचीन, ऐतिहासिक मठ तालाब में हमसभी लोग एकत्रित होकर स्वच्छता कार्य किया है। मेरी अपील है कि कचरे को जल में न डालें। इससे हमारा तालाब स्वच्छ बन जाएगा।
सौरभ शुक्ला, जिला समन्वयक
डॉ. पारस पटेरिया, बाल रोग विशेषज्