माता-पिता का हमेशा रहा सपोर्ट
नीलेश कहते हैं कि अगर आपका परिवार सपोर्ट करता है तो आप कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। नीलेश के पिता पुरुषोत्तम सनोडिया किसान हैं एवं माता आशाबाई सनोडिया गृहिणी हैं। छोटा भाई शुभम सनोडिया मेडिकल कॉलेज में हेड क्लर्क है। वह भी एपीपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। नीलेश कहते हैं कि कई बार ऐसा होता है जब आर्थिक स्थिति के साथ अन्य समस्याएं आती हैं। ऐसे समय में आपको धैर्य बनाए रखना चाहिए। सफलता मिलने में देरी हो सकती है, लेकिन कठिन परिश्रम, लक्ष्य के प्रति अडिग रहने, ईमानदारी और आत्मविश्वास से एक न एक दिन आप जरूर सफल होंगे।
कोविड के समय में हुई परेशानी
नीलेश ने बताया कि वर्ष 2020 एवं 2021 में कोविड के समय में दिल्ली से घर आना पड़ा। उस समय थोड़ी परेशानी हुई। लोग भी पूछते थे कि इतने समय से मैं कर क्या रहा हूं, लेकिन आज ऐसे लोगों को शायद जवाब मिल गया होगा। नीलेश कहते हैं कि अभी आईपीएस या फिर आईआरएस का पद मिल जाएगा, लेकिन वे एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा देंगे। जिससे और अच्छी रैंक आ सके और वे आईएएस बन सकें। नीलेश कहते हैं कि हर वो बच्चा जो सपने देखता है वह अपना लक्ष्य निर्धारित करे और बस उसी पर फोकस रहे। एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।