कंपनी का ऐसा खेल
● चेक बाउंस: मूलधन पाने विष्णुकांत ने निवेश के बदले मिले चेक लगाए, बाउंस हो गए। ● कंपनी गायब: कंपनी का मालिक बताने वाला युवक भी फरार हो गया। 2013 में विष्णुकांत नेे रिपोर्ट दर्ज कराई, ● गिरफ्तारी: महीनों बाद युवक की गिरफ्तारी हुई। लेकिन जल्द ही जमानत पर बाहर आ गया। 12 साल बीते, पुलिस ने अब तक चालान नहीं पेश किया।
चूड़ी बेचकर रुपए जोड़े, बेटी का ब्याह करना था, टूट गई शादी
भिंड के दबोह की सलमा बेगम के जीवनभर की कमाई पलभर में चली गई। पति की मौत के बाद चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि मिली थी। इसी बीच एलजेसीसी चिटफंड कंपनी ने अक्टूबर 2020 में सुरक्षित गारंटी निवेश के साथ तीन साल में रुपए दोगुना करने के सपने दिखाए। मैनेजर कल्याण सिंह राठौर की बातों में आकर सलमा ने 4 लाख रुपए कंपनी में लगा दिए। चूड़ी बेचकर गुजारा करने वाली सलमा ने बच्चों के भविष्य के लिए भी पॉलिसी ले ली। कंपनी ने पैसे लगवाए और नवंबर 2024 में कंपनी के ऑफिस पर ताला लटक गया। मैनेजर कल्याण सिंह राठौर भी गायब हो गया। पुलिस ने कंपनी के मालिक समीर समेत दो पर एफआइआर दर्ज की। लेकिन मैनेजर हत्थे नहीं चढ़ा। वह घर का सामान लेकर भाग निकला।
पुलिस का ढीला रवैया
चिटफंड कंपनी पर एफआइआर के बाद पुलिस की कार्रवाई जांच तक ही रही। कंपनी 500 लोगों से 50 करोड़ रुपए से अधिक रुपए लेकर भागी, लेकिन अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की।
सदमा ऐसा लगा कि बीमार हो गई सलमा
खून-पसीने की कमाई लेकर कंपनी भागी तो सलमा की माली हालत बिगड़ गई। वह बीमार पड़ गई। दिंसबर में बेटी की शादी थी, टूट गई। कर्ज में इतना डूबे की, प्लॉट तक बेचना पड़ा
84 लाख रुपए डूबने के बाद विष्णुकांत को अपने स्तर से रिश्तेदारों व दोस्तों की उधारी लौटानी पड़ रही है। वे संपिायां और प्लॉट बेच रहे हैं।