बोरवेल हो रहे फेल मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने बताया कि पानी की आपूर्ति के लिए परिसर में 7-8 बोरवेल पहले से थे 3 नए भी हुए। इसके बाद भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। गरमी आते ही सारे बोर पर्याप्त पानी नहीं दे पाते। यह समस्या बीते दो साल से उत्पन्न हो रही है। कुछ बोरवेल तो बंद हैं, कुछ से पानी तो आ रहा लेकिन पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। हालात यह है कि बोर से पहले एक अस्थाई टंकी में पानी स्टोर किया जा रहा है, फिर उससे अस्पताल के अलग-अलग विभागों को सप्लाई दी जाती है, जो दिन भर नहीं चल पाता।
700 केएलडी पानी की रोजाना खपत
मेडिकल कॉलेज में हर रोज सैकड़ों की संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। प्रबंधन की माने तो मेडिकल कॉलेज में हर रोज 700 केएलडी पानी की खपत है। पानी की उपलब्धता के लिए लगभग 11 बोरवेल हैं, जिससे 300 केएलडी ही पानी मिल पाता है, 400 केएलडी की पानी की कमी हर रोज बनी रहती है। प्रबंधन की माने तो वाटर लेवल नीचे होने के कारण बोरवेल से पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है।
सुविधाघरों में फैली गंदगी
मरीज के परिजनों की माने तो मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त पानी की सुविधा नहीं होने से सुविधाघरों की सफाई नहीं हो रही है। निस्तार के लिए परिजन बाहर से पानी लाकर रखते हैं और जरूरत पडऩे पर उपयोग करते हैं, लेकिन नियमित सफाई नहीं होने से गंदगी फैली रहती है। - मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त पानी की सुविधा नहीं है,मरीज के निस्तार के लिए बाहर से पानी लाने की मजबूरी बनती है, तीन दिन से परेशान हो रहे हैं।
रवि सिंह, परिजन - सुबह से पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है, नलों में पानी दोपहर के बाद आता है, पानी के अभाव में साफ सफाई नहीं हो रही।
उदय गोंड, परिजन - इनका कहना है
मेडिकल कॉलेज में जितनी जरूरत है, उतना पानी नहीं मिल रहा है, यही कारण है कि मरीजों को समस्या हो रही है, पीडब्ल्यूडी की तरफ से तीन बोर किए गए थे वह भी पार्याप्त पानी नहीं दे पा रहे हैं। बारिश के बाद समस्या का समाधान हो पाएगा।
डॉ. गिरीश रामटेके, डीन मेडिकल कॉलेज