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शाहडोल

तीन जिलों की सीमा में बना है सरसी आइलैंड, अलग-अलग रूट से पहुंच सकते हैं पर्यटक

उमरिया का इटमा और मैहर जिले का मार्कण्डेय घाट तैयार, शहडोल का सरसी प्रस्तावित

शाहडोलDec 14, 2024 / 12:05 pm

Kamlesh Rajak

उमरिया का इटमा और मैहर जिले का मार्कण्डेय घाट तैयार, शहडोल का सरसी प्रस्तावित
शहडोल. बाणसागर के बैकवॉटर एरिया में स्थित टापू में बना सरसी आईलैण्ड तीन जिलों की सीमा को जोड़ता है। तैयार होने के साथ ही यह चर्चा में आया और अब लोग इसका लुत्फ भी उठा सकेंगे। शहडोल, उमरिया और मैहर जिले की सीमा को जोडऩे वाले बाणसागर बांध में बने इस आईलैण्ड तक पहुंचने के लिए अलग-अलग मार्ग हैं। फिलहाल यहां पहुंचने के लिए कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन आने वाले समय में व्यवस्थित मार्ग व आगावामन बढऩे के साथ ही यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। चारों तरफ अथाह पानी के बीच टापू में बना यह पर्यटन स्थल रोमांच से भरपूर है। पर्यटकों की सुविधाओं का यहां विशेष ध्यान रखा गया है। यहां पर्यटकों के रुकने, भोजन, बोटिंग, बच्चों के खेलने के साथ प्रकृति के अद्भुत नजारे का लुत्फ उठाने की समुचित व्यवस्था है।
इन मार्गों से पहुंच सकते हैं सरसी आइलैण्ड
जानकारों की माने तो सरसी आईलैण्ड तक पहुंचने के लिए तीन अलग-अलग मार्ग हैं। इनमें सबसे आसान रास्ता सतना मैहर से रामनगर होते हुए मार्कण्डेय घाट तक का है। इसके अलावा कटनी से उमरिया होकर आने वाले पर्यटक बांधवगढ़, पनपथा, चंसुरा होते हुए झालघाट से इटमा घाट पहुंच सकते हैं। इधर अनूपपुर तरफ से शहडोल से ब्यौहारी, निपनिया, पपौंध होते हुए सरसी घाट तक पहुंचा जा सकता है। शहडोल से सरसी घाट पहुंचने में थोड़ा बहुत भटकाव व घुमाव अवश्य है, लेकिन जगह-जगह लगे संकेतक बोर्ड की मदद से यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
संकेतक बोर्ड लगाने के साथ ही प्रचार प्रसार आवश्यक
इस पर्यटन स्थल के उद्घाटन के साथ ही इसके समुचित प्रचार प्रसार की महती आवश्यकता है। इसके लिए आवश्यक है कि जगह-जगह पहुंच मार्क के संकेतक बोर्ड लगाए जाएं। मुख्यालयों, पर्यटन स्थलों के साथ ही सार्वजनिक स्थलों में सरसी आईलैण्ड की सुविधाओं, संसाधनों व यहां पर्यटन के लिए उपलब्ध व्यवस्थाओं के जिक्र संबंधी आवश्यक बोर्ड लगाए जाएं, जिससे यहां आने वाले लोगों को इसकी समुचित जानकारी मिल सके और पर्यटक आकर्षित हों और आवागमन में दिक्कतें न हो।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
बांधवगढ़ टाइगर रिजव, मैहर शारदा माता मंदिर और इधर ब्यौहारी से लगे संजय टाइगर रिजर्व के बीच बने सरसी आईलैण्ड को पर्यटन स्थल के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। जानकारों की माने तो बांधवगढ़, संजय टाइगर रिजर्व घूमने आने वालों व मैहर शारदा माता मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले लोग सहज ही यहां खिंचे चले आएंगे। इन पर्यटन व धार्मिक स्थलों से सरसी आईलैण्ड की दूरी भी ज्यादा नहीं है।

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