मामले पर डीएम ने क्या कहा?
जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, सैनेटाइजेशन के दौरान फॉर्मलिन नामक केमिकल जमीन पर गिर गया, जिससे गैस बनी और वह एयर कंडीशनर व पंखों के माध्यम से अन्य हिस्सों में फैल गई। गैस की तेज दुर्गंध और सांस लेने में तकलीफ होने से अस्पताल में मौजूद लोगों में डर फैल गया। इसी दौरान ऑक्सीजन लीक की अफवाह ने स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया।
मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए। फायर ब्रिगेड की टीम भी तुरंत मौके पर पहुंची। जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह और पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने घटनास्थल का निरीक्षण कर हालात को नियंत्रण में बताया। डीएम ने स्पष्ट किया कि इस घटना में किसी की मौत नहीं हुई है। हालांकि शुरूआत में एक गंभीर मरीज की मृत्यु की खबर आई थी, लेकिन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने इसका खंडन किया। उन्होंने बताया कि जिस मरीज की मौत की बात कही जा रही थी, वह पहले से ही गंभीर हालत में लाया गया था और गैस लीक की घटना से उसका कोई संबंध नहीं है।
प्राचार्य ने यह भी बताया कि गैस की गंध इतनी तेज थी कि कुछ लोगों को सांस लेने में परेशानी हुई, जिस वजह से ऑक्सीजन लीक की अफवाह फैल गई थी। प्रशासन ने हालात पर नियंत्रण पा लिया है और स्थिति सामान्य है।