ढाई साल के प्रोजेक्ट चीता में दो बार मां बन चुकी है चीता ज्वाला
कूनो में ढाई साल के प्रोजेक्ट चीता(Project Cheetah in MP) में दो बार मां बन चुकी नामीबियाई मादा चीता ज्वाला (Cheetah Jwala) (नामीबियाई नाम सियाया) को बाड़े से निकालकर उसके 4 शावकों के साथ 21 फरवरी को खुले जंगल में छोड़ा गया था। हालांकि पहले विशेषज्ञों ने ज्वाला के बारे में कहा था कि ये खुले जंगल में सर्वाइव नहीं कर पााएगी, लेकिन अब ये बीते डेढ़ माह में अपने शावकों के साथ लगातार पार्क में भ्रमण कर रही है। ज्वाला फैमिली के पूरे कूनो क्षेत्र में भ्रमण से प्रबंधन भी खुश है। ज्वाला के शावक एक साल से ज्यादा के हैं और वजन में ज्वाला के बराबर हैं। विशेष बात यह है कि 21 फरवरी को इसे अहेरा जोन में छोड़ा गया था, लेकिन पिछले दिनों ये पार्क के बिल्कुल दूसरी ओर विजयपुर के अगरा क्षेत्र और वीरपुर के श्यामपुर क्षेत्र तक पहुंच गई।
…इधर मां से अलग गए आशा के शावक
खुले जंगल में वर्तमान में 17 चीते हैं, जिसमें आशा फैमिली भी है। मादा आशा और उसके 3 शावक 5 फरवरी को खुले जंगल में छोड़े गए थे, लेकिन 3 दिन बाद ही उसके तीनों शावक आशा से अलग हो गए और अलग शिकार करते हुए जंगल में अपनी अलग टेरेटरी बना रहे हैं। तीनों नर शावक हैं, लिहाजा तीनों कोएलिशन में रह रहे हैं। दो दिन पहले ही आशा के ये तीनों शावक अहेरा क्षेत्र में पर्यटकों भी नजर आए थे।