सिद्धार्थनगर जिले में, जो नेपाल सीमा से सटा हुआ है, अवैध रूप से चल रहे मदरसों पर प्रशासन का शिकंजा कस गया है। जिलाधिकारी राजा गणपति ने बताया कि नेपाल सीमा के 15 किलोमीटर के दायरे में स्थित 37 मदरसों को चिह्नित किया गया है, जिनमें से एक दर्जन को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है। शेष मदरसों को नोटिस जारी किए गए हैं, और यदि निर्धारित समय में जवाब नहीं मिला तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों पर लगाम कसने के प्रयासों का हिस्सा मानी जा रही है।
श्रावस्ती में सरकारी जमीन पर बना मदरसा ध्वस्त
इससे पहले, श्रावस्ती जिले में भी प्रशासन ने ऐसी ही कार्रवाई की। रविवार को सरकारी जमीन पर बने एक अवैध मदरसे को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। यह मदरसा जमुननहा तहसील क्षेत्र के हरदत्त नगर गिरंट में खाद गड्ढे की भूमि के रूप में दर्ज जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाया गया था। ‘जामिया रिजविया शमशुल उलूम’ नाम से संचालित इस मदरसे की जांच में पता चला कि यह सरकारी भूमि पर बना है, जिसके बाद उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
एक हफ्ते में तीन और मदरसे हटाए गए
गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले 18 जून को भी सरकारी जमीन पर कथित रूप से अतिक्रमण कर बनाए गए तीन मदरसों के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई थी। आधिकारिक बयान के अनुसार, फतेहपुर बंगाई गांव में सरकारी जमीन पर स्थित दो मदरसे हटाए गए। वहीं, रामपुर बस्ती में स्थित मदरसा गौसिया ताजुल उलूम के प्रबंधन ने स्वेच्छा से अपने ढांचे को ध्वस्त कर दिया, और रामपुर बस्ती के ही नगई गांव में मदरसा गौसिया फैजाने रजा शमशुल ने भी स्वेच्छा से सरकारी जमीन से अपना अवैध निर्माण हटा लिया।