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राजस्थान के 18 हजार स्कूलों में 44 हजार अध्यापकों के पद खाली

Rajasthan Teachers: सूत्रों के हवाले से पता चला है कि शिक्षा विभाग में डीपीसी की कवायद पूरी नहीं होने तक बड़े स्तर पर नई भर्तियों की विज्ञप्ति भी जारी होने की संभावना नहीं है।

सीकरJun 18, 2025 / 06:00 pm

Kamal Mishra

Rajasthan Teacher

प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-फ्रीपिक)

डॉ. सचिन माथुर। सीकर। स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति और तबादलों की कवायद के बीच प्रदेश के करीब 18 हजार सरकारी स्कूलों में आवश्यकता होने पर भी व्याख्याता नियुक्त नहीं हो पा रहे। ये वे स्कूलें हैं जो 2010 से 2023 के बीच सीनियर सैकंडरी में क्रमोन्नत हुए।

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इन स्कूलों में अनिवार्य हिंदी और अंग्रेजी के अध्यापकों के पद स्वीकृत ही नहीं किए गए। वहीं पिछले कांग्रेस राज में क्रमोन्नत स्कूलों में किसी भी विषय के अध्यापकों की वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हुई। ऐसे में ये स्कूल करीब 44 हजार अध्यापकों के इंतजार में हैं।

शुरू होने वाल है नया सत्र

जल्द ही नया सत्र शुरू होने वाला है, ऐसे में एक बार फिर शिक्षक संगठन ने इन स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति की मांग की है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि शिक्षा विभाग में डीपीसी की कवायद पूरी नहीं होने तक बड़े स्तर पर नई भर्तियों की विज्ञप्ति भी जारी होने की संभावना नहीं है।

थर्ड ग्रेड शिक्षकों ने निकाला काम

व्याख्याता की कमी से जूझ रहे इन स्कूलों में सेकंड और थर्ड ग्रेड के शिक्षक कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को पढ़ाने के लिए मजबूर हैं। इससे इन स्कूलों का बोर्ड परीक्षा परिणाम भी प्रभावित हो रहा है।

इन स्कूलों में 26 हजार पदों की मांग

शिक्षा विभाग में 2010 तक सीनियर सेकेंडरी में क्रमोन्नत हुए स्कूलों में शिक्षकों के पूरे पद हैं, लेकिन इसके बाद क्रमोन्नत हुए करीब 13 हजार स्कूलों में हिंदी व अंग्रेजी के अनिवार्य विषयों के व्याख्याताओं के पद स्वीकृत नहीं किए गए। ऐसे में इन स्कूलों में 26 हजार पदों की मांग है।

इन स्कूलों में 18 हजार शिक्षकों की कमी

गहलोत सरकार में माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में 4075 व उच्च प्राथमिक से उच्च माध्यमिक में 1825 स्कूल क्रमोन्नत हुए। प्रत्येक स्कूल में व्याख्याता के तीन पदों के हिसाब से 18 हजार पदों की आवश्यकता है, लेकिन अब तक इन पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है।

इनका कहना है…

सरकार को 2010 के बाद क्रमोन्नत स्कूलों में अनिवार्य विषय सहित 2021 के बाद क्रमोन्नत स्कूलों में सभी आवश्यक विषयों के व्याख्याताओं के पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी करनी चाहिए। ताकि नए सत्र में नामांकन व शैक्षिक स्तर दोनों में सुधार हो सके। -उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत)

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