लॉटरी में चयन पर भी 2249 बाहर
आरटीई के तहत लॉटरी में चयन के बाद भी जिले के 2 हजार 249 विद्यार्थी निशुल्क प्रवेश से वंचित रह गए हैं। दरअसल, 15 अप्रेल तक के तय समय में ये स्कूल में रिपोर्टिंग नहीं कर पाए। चयनित 10041 बच्चों में से 7792 विद्यार्थियों की ही रिपोर्टिंग हुई। इनमें भी 915 विद्यार्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन अभी नहीं हो पाया है।
पिपराली में ज्यादा, नेछवा में सबसे कम प्रवेश
आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश सबसे ज्यादा पिपराली ब्लॉक में हुए हैं। यहां 138 निजी स्कूलों में हुए 9625 आवेदनों में से लॉटरी में 2272 बच्चों का चयन हुआ। इनमें से 1609 बच्चों की स्कूलों में रिपोर्टिंग के बाद 1294 बच्चोें के दस्तावेज सत्यापित हो चुके हैं। इसी तरह सबसे कम प्रवेश नेछवा में हुए। यहां 23 स्कूलों में हुए 901 आवेदनों में से 269 बच्चों का लॉटरी में चयन हुआ। इनमें से 234 बच्चों की रिपोर्टिंग के बाद 218 के दस्तावेज सत्यापित हो चुके हैं।
दूसरे चरण में मिलेगी चुनिंदा सीट
आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश का अभी दूसरा चरण 16 जुलाई से शुरू होगा, लेकिन उसमें भी चंद चुनिंदा सीटों पर ही प्रवेश होगा। 15 अगस्त तक के इस चरण में निजी स्कूलों की खाली रही सीटों पर लॉटरी में चयनित द्वितीय वरीयता के बच्चों को ही मौका मिल सकेगा।
25 फीसदी सीटों पर होता है निशुल्क प्रवेश
आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग के बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाता है। जिनकी फीस की बदले राज्य सरकार स्कूलों को पुनर्भरण राशि देती है। केंद्र सरकार के एक्ट के अनुसार निशुल्क प्रवेश कक्षा आठ तक होते हैं। पर राजस्थान में पिछली गहलोत सरकार ने कक्षा 12 तक के बच्चों का प्रवेश निशुल्क कर दिया था।
इनका कहना है:
आरटीई के तहत जिले में लॉटरी से चयनित 10041 में से 7792 बच्चों की स्कूलों में रिपोर्टिंग हुई है। दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया जारी है। घीसाराम भूरिया, एडीईओ, जिला प्रारंभिक शिक्षा विभाग, सीकर।