वहीं, जीणमाता मंदिर के पुजारी महेंद्र पाराशर ने का कहना है कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और यह मुकदमा उनकी सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश है। ग्रामीणों ने भी इस मुकदमे को झूठा बताते हुए पुजारी की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करार दिया है।
जीणमाता थाना प्रभारी दलीप सिंह ने बताया कि विवाहिता ने पुजारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
महिला की सास ने बताया कि उनकी बहू ने किसी के बहकावे में आकर पुजारी महेंद्र पाराशर पर ऐसे आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि महेंद्र पाराशर जीणमाता के सम्मानित पुजारी हैं और पुजारी संघ व पाराशर समाज में महत्वपूर्ण पदों पर हैं। उनकी बहू आए दिन झगड़ा करती है और मिलने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराती है।