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संस्कृत स्कूलों में शुरू होगी शुक्ल यजुर्वेद की पढाई, रोजगार की नई राह खुलेगी

प्रदेश के युवाओं को कॅरियर के लिए नया विकल्प मिलेगा। अब बारहवीं तक के सभी संस्कृत स्कूलों में शुक्ल यजुर्वेद की पढाई शुरू होगी।

सीकरJun 19, 2025 / 02:03 pm

Ajay

Jagadguru Ramanandacharya Rajasthan Sanskrit University
सीकर. प्रदेश के युवाओं को कॅरियर के लिए नया विकल्प मिलेगा। अब बारहवीं तक के सभी संस्कृत स्कूलों में शुक्ल यजुर्वेद की पढाई शुरू होगी। इसके दो बड़े फायदे होंगे। पहला युवा खुद का अपना कर्म कर आजीविका अर्जित कर सकेंगे, वेदों को बढ़ावा मिलेगा। दूसरा फायदा होगा कि शुक्ल यजुर्वेद की पढाई कर चुके युवाओं के लिए व्याख्याता की भर्ती निकाली जाएगी। अभी तक राजस्थान के केवल छह सरकारी संस्कृत स्कूलों में ही शुक्ल यजुर्वेद की पढाई हो रही है। पहले पूरे राज्य में संस्कृत के 273 वरिष्ठ उपाध्याय विद्यालय थे। अब पिछले बजट में सरकार ने 225प्रवेशिका विद्यालयों को भी वरिष्ठ उपाध्याय स्कूलों में क्रमोन्नत करने की घोषणा कर दी। ऐसे में अब कुल 498 सरकारी वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत स्कूलों में शुक्ल यजुर्वेद की पढाई होगी। संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक ने इस संबंध में समस्त संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर शुक्ल यजुर्वेद कहां-कहां स्वीकृत है और कहां-कहां स्वीकृत नहीं है। इसकी दो अलग-अलग जानकारी मांगी है। पत्र में विषयअध्यापकों की नियुक्ति करने का भी उल्लेख किया गया है।

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ऐसे समझें फायदे का गणित….

-शुक्ल यजुर्वेद को वेदों का ही एक छोटा हिस्सा माना जाता है।इसमे मुख्यत: पांडित्य कर्म, पूजा पाठ, श्लोक का सही उच्चारण करना आदि सिखाए जाते हैं। इसकी पढाई के बाद युवा खुद अपनी आजीविका कमा सकते हैं। साथ ही वेदों का व संस्कृत को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार का नया विकल्प मिलेगा। यहां से पढाई करने वाले अनुभववालों से ज्यादा बेहतर कर सकेंगे। उनका उच्चारण श्रेष्ठ होगा।
-पूरे राजस्थान के 498 स्कूलों में शुक्ल याजुर्वेद नया संकाय शुरू करने के लिए व्याख्याताओं की जरूरत भी पड़ेगी। ऐसे में संस्कृत से शिक्षा शास्त्री, आचार्य व अन्य उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के अवसर मिलेंगे। सरकारी नई भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू कर सकती है। संस्कृत के प्रति युवाओं का मोह कम होता जा रहा है। युवा डॉक्टर व इंजीनियर बनने की तरफ ज्यादा दौड़ रहे हैं। ऐसे में संस्कृत युवाओं को कॅरियर का ऐसा नया विकल्प देगा जो सुकूल देगा, युवाओं को शांति की सीख व संस्कार सिखाएगा। इसका फायदा शेखावाटी को भी खूब होगा। यहां के संस्कृत के विद्वानों की अलग पहचान रही है। यहां के संस्कृत के पढे हुए शिक्षकों का राजस्थान ही नहीं बल्कि दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, सूरत सहित अनेक जगह मान सम्मान होता आया है। शेखावाटी के बिसाऊ, चिराना, रैवासा, सरदारशहर, रतनगढ़, सालासर सहित अनेक कस्बे संस्कृत शिक्षा के प्रमुख केन्द्र रहे हैं।
वेद स्कूल भी खुलेंगे

इनके अलावा राजस्थान के प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर वेद स्कूलों की स्थापना होगी। यह स्कूल रैवासा की तर्ज पर विकसित होंगे। यहां पढाई के साथ ही, रहने, पुस्तकें, ड्रेस, नश्ता, भोजन सभी सभी सुविधाएं मौजूद रहेंगी। यह वेद स्कूल पूरी तरह से आवासीय होंगे। यहां पूरा माहौल गुरुकुल जैसा नजर आएगा। सरकार ने बजट में इसकी घोषणा की थी।
टॉपिक एक्सपर्ट…

शुक्ल यजुर्वेद की पढाई शुरू करने से बच्चों को कॅरियर का नया विकल्प मिलेगा। संस्कृत को बढावा मिलेगा। साथ ही व्याख्याताओं की भर्ती होने से युवाओं को सरकारी नौकरी के नए अवसर मिलेंगे। यह सरकार का बहुत ही शानदार निर्णय है।
अनिल भारद्वाज, अध्यक्ष चूरू मंडल , राजस्थान संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षक संघ

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