इसलिए बढ़ रहा क्रेज…… 1. हर भर्ती में पद: बढ़ रही नौकरी की टक्कर विशेष शिक्षा के पाठ्यक्रमों में क्रेज की वजह हर शिक्षक भर्ती में पद मिलना है। राजस्थान के अलावा दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में लगातार विशेष शिक्षकों की भर्ती हुई है। हालांकि नौकरी के लिए बेरोजगारों में टक्कर का ग्राफ भी बढ़ रहा है। वर्ष 2018 तक जहां एक पद के लिए दो से तीन बेरोजगार टक्कर में होते, लेकिन एक पद के लिए औसतन छह से नौ बेरोजगार टक्कर में है।
2. प्रथम श्रेणी व सैकण्ड ग्रेड में भी भर्ती की आस: प्रदेश में अब तक विशेष शिक्षा में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के दोनों लेवल व द्वितीय श्रेणी अध्यापकों की भर्ती हो चुकी है। प्रदेश में लगातार उच्च माध्यमिक वि्द्यालयों में दिव्यांगों के बढ़ते नामांकन की वजह से प्रथम श्रेणी व्याख्याता में भी भर्ती की आस है। इसके अलावा राजस्थान में दिव्यांगों के लिए अलग से कॉलेज खुलने से भी नौकरी के अवसरों में बढ़ोतरी हुई है। वहीं वरिष्ठ अध्यापक भर्ती भी विशेष शिक्षा में पांच साल से नहीं हुई है। ऐसे में युवाओं का विशेष शिक्षा पाठ्यक्रमों को लेकर क्रेज बढ़ रहा है।
21 जुलाई से शुरू होनी है क्लास देशभर के सभी विशेष शिक्षा महाविद्यालयों में 12 जून से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। संस्थाओं को प्रवेश के लिए चार सदस्यों की कमेटी बनानी होगी। इस समिति के अनुमोदन के बाद विद्यार्थियों को दाखिला मिल सकेगा। संस्थाओं का तर्क है कि दाखिला कक्षा 12 वीं के अंकों के आधार पर मेरिट से ही दिया जाएगा। इस साल शैक्षणिक सत्र 21 जुलाई से शुरू होना है।
टॉपिक एक्सपर्ट… विद्यार्थियों को मिलेगी राहत भारतीय पुनर्वास परिषद की ओर से इस साल डिप्लोमा के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए केन्द्रीयकृत परीक्षा नहीं कराई जाएंगी। प्रवेश का अधिकार सीधे तौर पर महाविद्यालयों को दिया है। इससे विद्यार्थियों को सीधे तौर पर राहत मिल सकेगी। वहीं शिक्ष सत्र भी समय पर शुरू हो सकेगा।
बीएल गोदारा, दिव्यांग शिक्षा मामले के एक्सपर्ट