संतान नहीं होने पर दहेज के लिए प्रताडि़त करते थे पति व ससुरालवाले
परिवादी की ओर से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि 10 अप्रैल 2017 को शिकायतकर्ता भवानी सिंह 37 वर्ष निवासी ऊंटवालिया रतननगर चूरू ने सीकर के रानोली पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया था। उन्होंने बताया था कि उनकी बहन कैलाश कंवर की शादी देवी सिंह निवासी त्रिलोकपुरा रानोली सीकर से हुई थी। बहन की शादी में उन्होंने अपनी हैसियत के अनुसार दहेज दिया था। मृतका के शादी के बाद कोई संतान नहीं हुई। शादी के बाद से ही उसका पति व ससुराल वाले उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करते थे। मृतका के साथ मारपीट की जाती थी।
करंट लगा हत्या कर भाई को दी सूचना
10 अप्रैल 2017 की सुबह 7 बजे देवी सिंह ने मृतका के भाई को फोन कर सूचना दी कि करंट लगने से कैलाश कंवर की मौत हो गई है। मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया था कि ससुराल वालों ने कैलाश की करंट लगाकर हत्या कर दी। इसके बाद मृतका के भाई ने दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। 7 साल तक मामला कोर्ट में विचाराधीन रहा और ट्रायल चलती रही। न्यायालय में रानोली थाना पुलिस व जांच अधिकारी ने 41 गवाह और 71 दस्तावेजी साक्ष्य कोर्ट में पेश किए। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। अपर सेशन न्यायाधीश क्रम-1 महेंद्र प्रताप बेनीवाल ने मंगलवार को आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया। परिवादी पक्ष की ओर से एडवोकेट पुरुषोत्तम शर्मा, सुखदेव महला, शीशराम ढाका व संजय शर्मा ने पैरवी की।