उन्होंने नवजात को नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया। इससे पहले शुक्रवार रात को भी जनाना अस्पताल के पालना गृह में एक नवजात कन्या मिली थी। पालना गृह में चार दिन में ही दो नवजात मिल चुकी है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. यादव ने बताया कि मंगलवार सुबह 8.30 बजे फिर पालना गृह में नवजात मिली है। सूचना मिलते ही टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मासूम का शीघ्र उपचार शुरू किया। पालना गृह में जैसे ही मासूम को छोड़ा तो घंटी बजी। घंटी बजते ही अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों ने शीघ्र सूचना दी तथा मौके पर पहुंचे।
झाड़ियों-सड़क किनारे फेंकने से बेहतर है पालना गृह में रखें
डॉ राम सिंह यादव ने बताया कि पालना गृह के कानून के अनुसार अगर कोई बच्चा यहां रख कर जाता है तो उससे कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की कोई पूछताछ नहीं करता। जो कि एक तरह से सही है। ऐसे में बच्चे सुरक्षित रहते हैं। बच्चों को रखने वालों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती। लोग झाड़ियों में या सड़क किनारे फेंक कर जाते हैं, उससे बेहतर है पालना गृह में सुरक्षित रखें। इस तरह के बच्चे को ले जाने वाले परिवार इन्हें काफी अच्छी परवरिश देते हैं।
करीब दो घंटे पहले जन्मी बच्ची, ऑक्सीजन पर रखा
पालना गृह में मिली नवजात बच्ची का वजन 2.2 किलोग्राम है और वह स्वस्थ है। नवजात को मातृ एवं शिशु कल्याण केंद्र में नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कर जांच की गई। उन्होंने बताया कि नवजात करीब 1 से 2 घंटे पहले जन्मी है। उसको साधारण ऑक्सीजन पर रखा गया है।