ये प्रजातियां हैं प्रदेश में मौजूद
स्नेक कैचर जानकारों की मानें तो राजस्थान में केवल चालीस प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं, जिसके तहत कोबरा, कॉमन क्रेट, रसल वाइपर, सॉस्केल्ड वाइपर, सिंध क्रेट, इंडियन एग ईटर, रैट स्नेक धामण, ब्लैक हेडेड रॉयल, रेड स्पॉटेड रॉयल, सिंध ऑल हेडेड, रसेल कुकरी, कॉमन कुकरी, कॉमन ट्रिंकेट, सुंदरी, वी-कॉलर ट्रिंकेट और मोंटेन ट्रिंकेट।सर्वाधिक जहरीला ऑस्ट्रेलियन टाइगर
जानकारों के अनुसार दुनिया में ऑस्ट्रेलियन टाइगर प्रजाति का सांप सर्वाधिक जहरीला होता है। भारत में ऐनेसिस क्रेट से बढ़कर अन्य इतने जहरीले नहीं होते। मीठे पानी में विचरण करने वाला सांप जहरीला नहीं होता। अलबत्ता दरिया में पाए जाने वाले सांप अत्यंत जहरीले होते हैं। भ्रांतियों व अज्ञानता के कारण लोग इसे देखते ही मार डालते हैं।बिजली की फुर्ती जैसे आक्रमण करता है
सर्प विशेषज्ञों के अनुसार इंडियन रॉक पायथन प्रजाति का अजगर झाड़ियों, पत्थर, पहाड़ों, मिटटी के घरौदों में चुपचाप अपने शिकार की ताक में रहता है। शिकार के नजदीक आते ही बिजली की भांति आक्रमण कर ऐसे जकड़ता है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है।प्रदेश में सर्वाधिक जहरीला ऐनेसिस क्रेट
सर्प विशेषज्ञों के अनुसार सभी सांप जहरीले नहीं होते। विश्व में पाई जाने वाले ढाई सौ से भी अधिक प्रजातियों में से सिर्फ दस प्रजातियां ही विषैली होती हैं। प्रदेश की करीब चालीस प्रजातियों के सांपों में से ऐनेसिस क्रेट, कोबरा, रसल वाइपर व सास्केल वाइपर ही जहरीले हैं।इन्होंने कहा
सांप तभी डसता है जब स्वयं को असुरक्षित महसूस करता है। अचानक कभी हमला नहीं करता। कोबरा जैसा खतरनाक सांप भी समीप जाने पर पहले फुंफकारता है, जो वहां से हटने की चेतावनी देता है।राजकुमार परमार, सांपों के जानकार, माउंट आबू
राजेश गिरी, सर्प विशेषज्ञ, माउंट आबू
महेंद्र दान चारण उर्फ चार्ली, स्नेक कैचर, माउंट आबू