लंबी दूरी के यात्रियों को होगा ज्यादा लाभ
नए नियम के अनुसार, अगर राजमार्गों में ये संरचना (पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड) है, तो टोल की गणना दो तरीके से की जाएगी। पहला, संरचना की लंबाई को 10 गुना करके अन्य सड़क की लंबाई में जोड़कर या दूसरा, पूरी संरचना की लंबाई को पांच गुना करके। दोनों में से जो भी कम होगा, वही टोल की गणना का आधार बनेगा। इस नियम का लाभ एक्सप्रेस-वे या लंबी दूरी के यात्रियों को ज्यादा होगा।
उदाहरण से समझें
जैसे कि अगर किसी राष्ट्रीय राजमार्ग संरचना की कुल लंबाई 40 किलोमीटर है और वह पूरी तरह से एक संरचना (जैसे सुरंग या फ्लाईओवर) है, तो नई गणना इस तरह होगी- 10 × 40 = 400 किलोमीटर और 5 × 40 = 200 किलोमीटर। अब इन दोनों में कम मान (200 किलोमीटर) को आधार बनाकर टोल वसूला जाएगा। यानी अब इस स्थिति में टोल शुल्क 50 फीसदी तक कम हो जाएगा।
पहले क्या होता था
पहले के नियम के अनुसार, इन संरचनाओं वाले हिस्सों पर यात्रियों को दस गुना टोल देना पड़ता था। इसका मसकद इन महंगे निर्माण कार्यों की लागत को निकालना था। NHAI के अधिकारी ने बताया कि लोगों की जेब पर असर पड़ने के कारण नया नियम लाया गया है।