वैज्ञानिकों ने एक थ्री-डी ह्यूमन स्किन मॉडल (मानव त्वचा का त्रिआयामी नमूना) का उपयोग कर यह दिखाया कि विटामिन C, त्वचा की सबसे ऊपर की परत एपिडर्मिस को मोटा करता है। यह कोशिकाओं के विकास से जुड़े जीन को सक्रिय करता है, और ऐसा DNA डिमिथाइलेशन नामक प्रक्रिया के जरिए होता है।
यह खोज इस बात का संकेत देती है कि विटामिन C उम्र के साथ त्वचा के पतले होने को रोक सकता है और त्वचा को मजबूत और स्वस्थ बनाए रख सकता है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह परत?
एपिडर्मिस शरीर की सबसे ऊपरी और बाहरी त्वचा होती है, और उम्र बढ़ने के साथ सबसे अधिक पतली होती है। यह परत शरीर को बाहरी संक्रमणों से बचाती है। इसकी ताकत में कमी आने से शरीर की सुरक्षा भी घटती है। एपिडर्मिस की लगभग 90% कोशिकाएं केराटिनोसाइट्स होती हैं, जो नीचे की परतों से उत्पन्न होकर ऊपर की ओर बढ़ती हैं और त्वचा की सुरक्षा परत बनाती हैं। डॉ. आकिहितो ईशिगामी, जो टोक्यो मेट्रोपोलिटन इंस्टीट्यूट फॉर जेरिएट्रिक्स एंड जेरॉन्टोलॉजी में उपाध्यक्ष हैं, के नेतृत्व में यह शोध हुआ। उन्होंने बताया कि विटामिन C सीधे उन जीन को सक्रिय करता है जो त्वचा की कोशिका वृद्धि और विकास से जुड़े होते हैं।
प्रयोग कैसे किया गया?
शोधकर्ताओं ने मानव त्वचा जैसे प्रयोगशाला में बनाए गए नमूने (epidermal equivalents) पर यह अध्ययन किया। इस मॉडल में ऊपर की त्वचा हवा के संपर्क में रहती है और नीचे से पोषक द्रव्य से पोषण मिलता है, जैसा कि असली त्वचा में खून से होता है। उन्होंने इस द्रव्य में आमतौर पर शरीर के खून से त्वचा तक पहुंचने वाले विटामिन C की मात्रा डाली। 7 दिन में पाया गया कि विटामिन C ने एपिडर्मल परत को मोटा कर दिया, जबकि बाहरी मृत कोशिकाओं की परत में खास अंतर नहीं आया।
14 दिन बाद अंदर की परत और मोटी हो गई और बाहरी परत थोड़ी पतली मिली। यह इस ओर इशारा करता है कि विटामिन C कोशिका विभाजन और केराटिनोसाइट्स के निर्माण को बढ़ावा देता है।
ट्रीट किए गए नमूनों में कोशिका वृद्धि ज्यादा देखी गई, जिसे Ki-67 प्रोटीन की मौजूदगी से मापा गया। यह प्रोटीन केवल उन कोशिकाओं में होता है जो सक्रिय रूप से विभाजित हो रही होती हैं।
जीन को फिर से ‘ऑन’ करता है विटामिन C
इस शोध की सबसे खास बात यह रही कि विटामिन C DNA से मिथाइल समूह हटाता है, यानी DNA डिमिथाइलेशन करता है। जब DNA में मिथाइल जुड़ जाता है, तो कुछ जीन दब जाते हैं और काम नहीं करते। विटामिन C इन मिथाइल को हटाकर इन जीन को दोबारा सक्रिय करता है जिससे कोशिकाएं बढ़ती और विकसित होती हैं। यह प्रक्रिया मानव उम्र बढ़ने की एक बड़ी वजह मानी जाती है और वैज्ञानिक इसे व्यक्ति की असली जैविक उम्र मापने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
क्या आपके आहार में काफी विटामिन C है?
हाल के अध्ययनों से पता चला है कि अब की तुलना में 1950 के दशक की संतरे में आठ गुना ज्यादा विटामिन A होता था, और माना जा रहा है कि विटामिन C भी इतने ही अनुपात में कम हुआ है। अन्य शोधों से पता चला कि अमेरिका में फल-सब्जियों में विटामिन C की मात्रा 70 सालों में 30% तक घट गई है। इसके अलावा विटामिन C की 9 अलग-अलग किस्में होती हैं, और कोई एक खाद्य पदार्थ हर किस्म में समृद्ध नहीं होता।
कितना लेना चाहिए?
पुरुषों के लिए विटामिन C की न्यूनतम सिफारिश 90 मिलीग्राम प्रतिदिन है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए 120 मिलीग्राम। लेकिन यह मात्रा सिर्फ बीमारियों से बचने के लिए होती है—जबकि त्वचा की पुनरुत्पत्ति जैसे फायदों के लिए इससे कहीं ज्यादा मात्रा की जरूरत हो सकती है। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि खाना कैसे पकाया गया है, इससे भी विटामिन C के शरीर में अवशोषण पर असर पड़ता है। सबसे ज्यादा विटामिन C प्रति कैलोरी में शिमला मिर्च और हरी मिर्च में पाया जाता है। एक अध्ययन के मुताबिक संतरे इस लिस्ट के टॉप 50 में नहीं आते, और नींबू सिर्फ मुश्किल से इसमें शामिल हुए।