यह दिए निर्देश
उपमुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को सडक़ के चौड़ाईकरण, क्रॉस बैरियर, रंबल स्ट्रिप लगाने और एलिवेटेड रोड की डीपीआर बनवाने के निर्देश दिए। इन सुधारात्मक उपायों से इस मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम संभव हो सकेगी और यात्रियों को यात्रा में सुरक्षा मिल सकेगी।
डबल इंजन की सरकार, हर हाल में होगा काम पूरा
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देसूरी की नाल में अब तक कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं। इस घाट सेक्शन को सुधारना सरकार की प्राथमिकता है। आगामी एक महीने में यहां अधिकतम सुरक्षा प्रबंधन किए जाएंगे। सेफ्टी वॉल संबंधी कार्य किया जाएंगे। साथ ही इसके स्थाई समाधान के लिए अधिकारियों के साथ चर्चा कर समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गत सरकार में भी बतौर सांसद उन्होंने इस रोड को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए थे। अब डबल इंजन की सरकार में इस काम को हर हाल में पूरा किया जाएगा। देसूरी की नाल को सुधारना उनकी प्राथमिकता है।
दो दशकों में हो चुके हैं कई हादसे
देसूरी की नाल अरावली पर्वतमाला के बीच से गुजरती है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ खतरनाक ढलानों और तीखे मोड़ों के कारण कुख्यात है। इस 10 किलोमीटर लंबे मार्ग पर पिछले दो दशकों में कई बड़े हादसे हो चुके हैं। साल 2007 में यहां सबसे बड़ा सडक़ हादसा हुआ था। इसमें लगभग 90 व्यक्तियों की जान गई थी। हाल ही में 8 दिसंबर को एक स्कूल बस के पलटने से यहां तीन बच्चों की जान गई थी। यह मार्ग 15 खतरनाक मोड़ों और 5 संकरी पुलियों के चलते बेहद जोखिम भरा है।