यह की थी शिकायत इस मामले में एबीवीपी पदाधिकारियों की अगुवाई में सीएमएचओ को दिए ज्ञापन में कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कहा था कि आधिकारिक रूप से कॉलेज में किसी पद पर नहीं होने के बावजूद ङ्क्षप्रसिपल के पति को चरण स्पर्श और नमस्ते करने के लिए बाध्य किया जाता है। कम नंबर भेजने एवं फेल करने की धमकी दी जाती है। इससे छात्राएं मानसिक तौर पर प्रताडि़त हैं। ङ्क्षप्रसिपल की ओर से फेकल्टी पर मनमर्जी से आने व बायोमैट्रिक उपस्थिति शुरू करने से नाराज होकर बच्चों को बरगलाने का आरोप लगाया था।
जांच में पाया गया दोषी सीएमएचओ ने जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जगदीश कुशवाह, डिप्टी सीएमएचओ (पक) डॉ. सीताराम वर्मा व अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी कालूलाल मीणा की तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए जाने पर कॉलेज ङ्क्षप्रसिपल संतोष मेघवाल तथा दो ट््यूटर अरङ्क्षवद आर्य व विरेन्द्र यादव को एपीओ किया गया तथा चार्ज शीट दी गई है।
जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर जिला कलक्टर के आदेश पर नर्सिंग कॉलेज प्रिंसीपल व दो ट््यूटर समेत तीनों को एपीओ कर उनका मुख्यालय कोटा जेडी कार्यालय किया गया है। डॉ. संजीव सक्सेना, सीएमएचओ
प्रिंसीपल व ट््यूूटर समेत तीनों को एपीओ कर चार्ज शीट दी गई है। कॉलेज में नए प्रिङ्क्षसपल लगाने के लिए राजमेस को लिखा है। डॉ. नरेन्द्र कुमार मेघवाल, पीएमओ, जिला अस्पताल