scriptOperation Sindoor: हमारे हर मिसाइल अटैक ने पाक में बढ़ाया तनाव, लेकिन बॉर्डर पर शांत रहे हमारे शहर-गांव, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट | Operation Sindoor Ground report from Sriganganagar Our every missile attack increased tension in Pakistan | Patrika News
श्री गंगानगर

Operation Sindoor: हमारे हर मिसाइल अटैक ने पाक में बढ़ाया तनाव, लेकिन बॉर्डर पर शांत रहे हमारे शहर-गांव, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

Operation Sindoor: 22 अप्रेल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही बॉर्डर पर तनाव पसरा हुआ था। बीएसएफ और सुरक्षा एजेंसियों सीमा की पहरेदारी में मुस्तैद थीं।

श्री गंगानगरMay 19, 2025 / 02:19 pm

Anil Prajapat

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हिंदूमलकोट बॉर्डर और इनसेट में खेत में पड़ा ड्रोन। (फोटो: पत्रिका)

श्रीगंगानगर से दीपक शर्मा

देश में जब भी आतंकी हमला होता है तो राजस्थान से सटी भारत-पाकिस्तान बार्डर पर तनाव बढ़ जाता है। ऐसा ही इस बार भी हुआ। 22 अप्रेल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही बॉर्डर पर तनाव पसरा हुआ था। बीएसएफ और सुरक्षा एजेंसियां सीमा की पहरेदारी में मुस्तैद थीं। जिला प्रशासन और पुलिस अलर्ट पर थे। अंदरखाने से मीडिया तक सीमा पर तनाव की खबरें पहुंच रहीं थीे, लेकिन कोई पुष्टि को तैयार नहीं था। जिला प्रशासन और पुलिस व्यस्त होने का दिखावा कर रहे थे, लेकिन माथे पर शिकन और आवाज में गंभीरता अलग ही इशारा कर रहे थे।
पंजाब से सटी पाकिस्तान बार्डर की तारबंदी गलती से पार करने पर बीएसएफ के जवान को पाक रेंजर्स ने पकड़ लिया था। ये दूसरी बड़ी तनाव देने वाली खबर थी। हालांकि राजस्थान में जिले की सीमा पर तैनात बीएसएफ ने इसका तोड़ निकाल लिया था, लेकिन बातचीत के लिए वो समय सही नहीं था। फिर आखिर वही हुआ, जिसकी आशंका थी। जिले के सरहदी गांवों में दो युद्ध देख चुके बुजुर्ग बोले-सांप और पाकिस्तान की फितरत एक जैसी है। चोट खाकर दोबारा आते हैं। करणपुर में सेंड ड्यून की घटना इसकी मिसाल है।
फिर वो घड़ी आ गई, जब लगा – देश अनहोनी के लिए तैयार हो रहा है। छह मई को देश के करीब 250 शहरों में मॉकड्रिल की सूचना आई। पत्रिका दफ्तर में शाम को इस खबर की चर्चा कुछ इस तरह शुरू हुई। डेस्क के साथी साधु लहरी ने आशंका जताई कि लगता है कि आज कल में कुछ होने वाला है। योगेश तिवारी ने सहमति में सिर हिलाया। सीनियर मंगेश कौ​शिक बोले – बात कयास से आगे भी निकल सकती है। अलर्ट रहना जरूरी है। अगले दिन इसी हिसाब से न्यूज प्लान बनाने की बात कहकर रात दस बजे साथी सुरेंद्र ओझा व कृष्ण चौहान ने दफ्तर से विदा ली।
न्यूज रूम में सब डेली रूटीन के हिसाब से चल रहा था। थोड़ी देर में पेज वन आ गया और हनुमानगढ़ डाक एडिशन पूरा हो गया। एक के बाद एक पांचों पुलआउट छूटते रहे। हर बार एक आवाज आती, पेज चेक हो गए। जाने दो। अब सिटी एडिशन के फाइनल होने का इंतजार चल रहा था। डेढ़ बजे पेज एक पर ऑल्टर का मैसेज आया। लगा यह आखिरी बदलाव है। करवा दिया। फिर शुरू हुआ बेस्ट न्यूज कटिंग निकालने और अपनी – अपनी रिपोर्ट्स भरने का सिलसिला। बातों में कब सवा दो बज गए पता नहीं। तभी मदर एडिशन ग्रुप में एक मैसेज फ्लैश हुआ और सब अलर्ट हो गए।
मैसेज देखते ही सभी साथियों के चेहरों पर मुस्कान तैर गई। मैसेज था…
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मशीन में प्रिटिंग रुकवा दें…. सिटी के लिए ऑल्टर दिया जा रहा है।
सब बेसब्री से ‘हमने इस बार क्या कर दिया?’ अपडेट पेज की राह देखने लगे। थोड़ी देर में ही पेज आया तो हैडिंग पढ़कर ही दिल खुश हो गया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सेना ने एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान में कई आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर डाला था। पेज रिलीज करने के बाद मिटिंग की। चूंकि आने वाले दिन तनाव भरे रहने वाले थे। रिपोर्टर साथियों की ड्यूटी थी कि रूटीन के साथ डेली पुलिस, प्रशासन और सीमा पर बीएसएफ अधिकारियों के संपर्क में रहें, ताकि हर गतिविधि को रिपोर्ट किया जा सके। डेस्क के एक साथी की ड्यूटी दिन में लगाई ताकि मीडिया के लिए जारी गाइडलाइन की पालना करते हुए डिजिटल और वीडियो स्टोरी के लिए इनपुट समय से जयपुर मुख्यालय भेजा जा सके।
सात मई को सुबह शहर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ही चर्चा थी। ब्लैकआउट व लॉकडाउन लगने की आशंका से बाजारों व पेट्रोल पम्पों पर भीड़ लगी रही। जिले के अनूपगढ़, घड़साना, करणपुर, रावला मंडी इलाके सरहद के काफी पास हैं। वहां के हाल जानने के लिए दोपहर में कार लेकर निकले। सबसे पहले फतूही पहुंचे। शहर से करीब 20 किमी दूर कस्बे में जनजीवन सामान्य नजर आया। सब्जीमंडी में सब्जीविक्रेता मांगीलाल बोले – ये हुई ना बात। आतंकी हमले का जवाब देर से दिया, लेकिन दुरुस्त दिया। अब आतंकी देश में घुसने से पहले दस बार सोचेंगे।
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हिंदूमलकोट बॉर्डर का नजारा। जहां भारत और पाक सीमा पर लगे दोनों देशों के झंडे नजर आ रहे हैं। (फोटो: पत्रिका)
कार वहां से अनूपगढ़ की तरफ घुमा दी। ‘लैला-मंजनू’ की मजार के लिए ख्यात अनूपगढ़ ने हाल ही में काफी उठापटक देखी है। पुरानी सरकार में नया जिला बना, लेकिन नई सरकार ने फिर नगर पालिका बना दिया। यहां से संवाददाता भुवनेश चुघ को साथ लिया। पता चला कि यहां से सबसे नजदीक कैलाश पोस्ट है। कैलाश पोस्ट के सामने कुछ दिन पहले तक पाकिस्तान ने टैंक लगा दिए थे। इसके बाद बीएसएफ ने इलाके में सख्ती बढ़ा दी है, लेकिन हमें सरहदी गांवों में तनावपूर्ण शांति मिली। एक गांव की चौपाल पर तीन बुजुर्ग 1971 के युद्ध की बातें करते मिले। रामनिवास बोले – पाक पहले भी दो बार बुरी तरह हार चुका है, अब फिर मुंह की खाएगा। करीब दो घंटे गांव में गुजारकर, लोगों से माहौल जानकर आगे बढ़ गए।
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करीब 30 मिनट की ड्राइव कर शाम चार बजे घड़साना पहुंचे तो पहली सूचना पाक रेंजर के भारतीय सीमा में घुसने और पकड़ने की मिली। जिले में बीएसएफ की काकूसिंहवाला पोस्ट पर पाक रेंजर को पकड़ने की पु​ष्टि न पुलिस कर रही थी, न बीएसएफ। थोड़ी देर में पाक रेंजर पकड़े जाने के वीडियो वायरल हो गए। इस मामले में भी पत्रिका ने मीडिया गाइडलाइन की पालना करते हुए खबर प्रकाशित नहीं की। किसान आंदोलन हो या बॉर्डर पर तनाव, घड़साना हमेशा से ही सेंसिटिव एरिया रहा है। दुश्मन के ड्रोन हमले से निपटने के लिए थाने की छत पर एलएमजी (लाइट मशीनगन) तैनात मिली। थोड़ी देर बाद इलाके में एक ड्रोन मिलने की पुष्टि हुई, लेकिन ड्रोन किसका था? यह सुरक्षा एजेंसियों ने लोगों से ‘गुप्त’ रखा। क्षेत्र में पुलिस बल मुस्तैद मिला। घड़साना से रावला की ओर जाते समय एक सरहदी गांव में पुलिस जीप गश्त करते मिली, जो संदिग्ध व्यक्ति दिखाई देने पर पुलिस को सूचना देने की मुनादी करते चल रही थी। ब्लैक आउट के चलते रावला मंडी में सन्नाटा पसरा मिला। देर रात शहर वापसी हुई।
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राजस्थान में पाक बॉर्डर पर मुस्तैद जवान। (फोटो: पत्रिका)

जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर जैसी तनातनी नहीं

जिले के बॉर्डर एरिया में जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर जैसी तनातनी देखने को नहीं मिली। अनूपगढ़, घड़साना और हिंदूमल कोट बार्डर पर तनावपूर्ण शांति दिखी। बीएसएफ ने चौकियां बढ़ा दी थी। रात में गश्त के पाइंट दोगुने कर दिए। दुश्मन की मामूली गतिविधि पर भी करारा प्रहार करने के आदेश थे।
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हनुमानगढ़ की ग्राम पंचायत लखुवाली के चक 9 आरपी के एक खेत में गिरी मिसाइलनुमा वस्तु। (फोटो: पत्रिका)

मिसाइल का खोल मिलने और ड्रोन की सूचना, धमाकों ने चौंकाया

उधर, पाक के आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर जारी था, इधर जिले में मिसाइल का खोल मिलने और कई इलाकों में ड्रोन नजर आने की सूचना से लोग चिंतित नजर आए। हनुमानगढ़ के लखुवाली के एक खेत में 20 फीट लंबी मिसाइल के खोल ने इलाके में लॉकडाउन लगवा दिया। लालगढ़ जाटान छावनी के आसपास धमाकों से ग्रामीण घबराए, लेकिन पुलिस ने ‘कुछ नहीं हुआ’ कहकर समझाइश की। शायद हम अपनी तैयारी चेक कर रहे थे।
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फिर लौटा सुकून

लॉकडाउन से चिंतित लोग 11 मई को सुबह घरों से निकले और थोड़ी देर बाद ही जिला प्रशासन ने लॉक डाउन लगा दिया। आशंका के बादल छाए, लेकिन दोपहर में ‘पाकिस्तान सरकार के सरेंडर’ करने और ‘हाथ जोड़ने’ पर केंद्र सरकार ने सीजफायर की घोषणा की तो जिले में सुकून लौट आया। फिर 12 मई को दिनभर इंतजार के बाद शाम को डीजीएमओ स्तर की वार्ता पर लोगों की टकटकी बनी रही। रात 8 बजे न्यूज रूम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन को सुनकर भारतीय सेना के साहस पर गर्व महसूस हुआ।

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