उद्योग विभाग द्वारा चलाई जाने वाली सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम योजनाओं के लिए सरकार ने एक बार फिर से पॉलिसी तय कर ली है। सरकार ने योजनाओं को शुरू करने से लेकर उसे अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए इसे चार चरण बनाए हैं। हर चरण में सरकार इसके लिए नए उद्यमियों की मदद करेगी। विदित हो कि पिछले तीन सालों से एमएसएमई के लिए संचालित योजनाएं बंद होने से युवा खुद के उद्योग स्थापित करने के लिए परेशान हो रहे थे। अब बताया जा रहा है कि भोपाल में आयोजित समिट में इस योजना की घोषणा के बाद से एक बार फिर से उद्योगों को गति मिलेगी।
ऐसी होगी नई नीति इस नीति के तहत नया उद्योग स्थापित करने पर सरकार हर इकाई को हर माह १० हजार रुपए की वित्तीय सहायता देगी। इसके साथ ही सरकार ने लोन पर सब्सिडी देने भी तय किया है, लेकिन इसकी सीमा ३० लाख रुपए तक होगी। साथ ही सरकार इसके लिए १०० करोड़ का स्टार्टअप कैपिटल फंड भी बनाएगी। इस बार सरकार ने किसी भी नई योजना के लिए जीवन की तर्ज पर चार चरणों में विभक्त किया है। इसमें पहला चरण आईडीएशन, दूसरा वैलीडेशन, तीसरा अर्ली स्टेज और चौथा ग्रोथ होगा।
ऐसे मदद करेंगी सरकार उत्पाद आधारित स्टार्टअप के लिए विशेष लाभ दिया जाएगा। इसमें बिजली शुल्क में छूट, रोजगार सृजन प्रोत्साहन और बिजली के टैरिफ में प्रतिपूर्ति सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में ५ प्रतिशत ब्याज अनुदान, ऋण गारंटी शुल्क प्रतिपूर्ति, बाजार के अवसर उपलब्ध कराना, डिजिटल मार्केङ्क्षटग एवं आयोजन में सहभागिता सहायता।
अधोसंरचना विकास में प्रमुख शहरों में अत्याधुनिक मेगा इंक्यूबेशन सेंटर, सेटेलाइट सेंटर, को-वर्किंग स्पेस और नवाचार आधारित क्षेत्रीय क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। एक्सेलेरेशन और हैकाथॉन प्रोग्राम से नवाचार को उद्यमों में बदलने में सहायता
मध्य प्रदेश स्टार्टअप एडवाइजरी काउंसिल के तहत स्टार्टअप उद्योग जगत के अग्रणी और वैश्विक निवेशकों का एक समूह स्टार्टअप को दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करेगा।