सरकार छवि पर पड़ेगा प्रतिकूल असर
कुछ समय से जिले में बढ़ते अपराध (Crime), निजी विवादों के जाति संघर्ष में बदलने, जिले से अवैध शराब के कारोबार को लेकर उमिता ने सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ टिप्पणी की है। उन्होंने इससे सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ने की बात कही है।
पुलिस को नहीं डर
उन्होंने कहा कि यहां आए दिन अपराध के वीडियो सामने आ रहे हैं। पुलिस पुराने जमाने की उत्तरप्रदेश वाली होती दिख रही है। यहां बिना आंदोलन के पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। कुछ समय बाद जिले का नाम आंदोलनकारी जिला हो जाएगा। न जनता को पुलिस को डर है और न पुलिस को सरकार का।
चरमराई कानून व्यवस्था
जिले की चरमराई हुई कानून व्यवस्था को देखकर लगता है कि अब अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं है। जिसका सबसे बड़ा कारण पुलिस खुद है। उन्होंने पुलिस द्वारा जिले भर में चलाए जा रहे विभिन्न सामाजिक एवं जागरूकता अभियान को लेकर भी कटाक्ष करते हुए कहा है कि एक कहावत है- जिसकी टोपी उसके सर भाए। पुलिस का काम है जनता को सुरक्षा और कानून के प्रति लोगों में डर, ताकि वो अपराध से दूर रहे, लेकिन हमारे जिले में पुलिस अपना काम छोड़कर सारे काम कर रही है।
जिला बेलगाम घोड़े की तरह भाग रहा है
उमिता राहुल सिंह ने जिले के राजनीतिक नेतृत्व पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने लिखा है कि जिले में गांव-गांव में खुलेआम अवैध शराब बिक रही है। ठेकेदारों ने थानों में महीना बाध रखा है। जनप्रतिनिधि को ये कुछ समझ नहीं रहे हैं, जिला बेलगाम घोड़े की तरह दौड़े जा रहा है। समझ नहीं आ रहा कि यहां की जनता की कमी है या यहां के जनप्रतिनिधियों का दुर्भाग्य। उन्होंने इसमें जनता के साथ ही सरकार को नुकसान बताया है। उन्होंने इस पोस्ट को मुयमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ ही जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर को टैग किया है।