कोर्ट ने पुलिस द्वारा पेश आरोप पत्र की धाराओं को यथावत रखा, जिसमें BNS की धारा 109(1) को भी सही माना गया। नरेश मीणा सहित 52 सह-आरोपियों की भी इस मामले में पेशी हुई।
नीली छतरी वाले पर जताया भरोसा
नरेश मीणा के वकील फतेहराम मीणा ने कोर्ट के फैसले को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि अभी केवल मौखिक आदेश सुनाया गया है और आदेश की कॉपी मिलने के बाद विस्तृत अध्ययन कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की संभावना जताई। कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात रहा, जबकि नरेश मीणा के समर्थकों की भीड़ भी मौजूद थी। कोर्ट से निकलते समय नरेश मीणा ने पुलिस वैन में बैठकर कहा कि नीली छतरी वाले (भगवान) पर पूरा भरोसा है।
उप-चुनाव के दौरान हुई थी हिंसा
बता दें, यह मामला 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा उप-चुनाव के दौरान शुरू हुआ, जब नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया था। मतदान के बाद पुलिस ने नरेश को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो समरावता में समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया और वाहनों में आग लगा दी। अगले दिन भारी पुलिस बल के साथ नरेश मीणा को गिरफ्तार किया गया। पिछले आठ महीनों से नरेश मीणा न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में कुल 59 आरोपी बनाए गए, जिनमें से 52 कोर्ट में पेश हुए।
आंदोलन की तैयारी में समर्थक
इधर, नरेश मीणा की रिहाई के लिए उनके समर्थक आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। समर्थक मनोज मीणा ने जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 20 जुलाई से जयपुर में विधानसभा घेराव सहित आंदोलन शुरू होगा। 11 जुलाई को बैठक कर रणनीति तय की जाएगी। मनोज मीणा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नरेश के पिता से एक महीने में रिहाई का वादा किया था, लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई।