बूंदी जेल से लाए गए टोंक
बता दें, नरेश मीणा को बूंदी जेल से टोंक लाया गया था। इस दौरान नरेश मीणा नंगे पांव ही नजर आ रहे थे। वहीं, पुलिस ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए थे। कोर्ट में पेशी के दौरान नरेश मीणा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फतेह राम मीणा ने पैरवी की। सुनवाई चार्ज बहस को लेकर हुई, जिसके बाद उन्हें वापस बूंदी जेल ले जाया गया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में 2023 के उपचुनाव के दौरान बड़ी हिंसा हुई थी। ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के समर्थन में धरने पर बैठे थे। धरने के दौरान नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि प्रशासन जबरन मतदान करवा रहा है। इसी दौरान उन्होंने एसडीएम अमित चौधरी को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद हालात बिगड़ गए। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई, पुलिस ने लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। इसके साथ ही गांव में कई गाड़ियों में आगजनी भी की गई थी। पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में लिया, लेकिन उनके समर्थकों ने सैकड़ों की संख्या में हमला कर उन्हें छुड़ाकर ले गए। इस पूरे उपद्रव के चलते कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए थे।
5 मई को होगी कोर्ट में अगली सुनवाई
समरावता हिंसा और एसडीएम से मारपीट के मामलों में नरेश मीणा ने पहले उनियारा और टोंक डीजे कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी जो खारिज कर दी गई थी। गत दिनों इस केस को नरेश मीणा के वकील ने प्रार्थना पत्र लगाकर इस केस को एससी, एसटी कोर्ट में ट्रांसफर करवा लिया था। SC-ST कोर्ट में अगली सुनवाई 5 मई 2025 को होगी।