राजस्थान में 8 हजार करोड़ का चर्चित ड्रग रैकेट केस, 6 आरोपियों को 20-20 साल और एक को 10 साल कारावास
उदयपुर में ड्रग रैकेट के बारे में डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) की टीम को मुंबई में इनपुट मिला था। इस आधार पर 28 अक्टूबर 2016 को कलड़वास स्थित फैक्ट्री पर छापा मारा गया था।
राजस्थान के उदयपुर शहर के कलड़वास क्षेत्र में 9 साल पहले पकड़े गए आठ हजार करोड़ के चर्चित ड्रग रैकेट केस में कोर्ट ने सजा सुनाई है। मामले के 6 आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाते हुए 2-2 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। वहीं एक अन्य आरोपी को गंभीर बीमारी के चलते 10 साल की सजा सुनाते हुए एक लाख जुर्माना लगाया है। मामले में कुल 8 आरोपी थे, जिनमें से मुख्य आरोपी सुभाष दुदानी की तीन साल पहले मौत हो चुकी है। यह कार्रवाई भारत ही नहीं, एशिया की अब तक की सबसे बड़ी सीजिंग कार्रवाई थी।
उदयपुर की एनडीपीएस एडीजे-1 कोर्ट के पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश मनीष वैष्णव ने आरोपी प्रतापनगर निवासी रवि दूदानी, मुम्बई निवासी परमेश्वर व्यास, प्रतापनगर निवासी अनिल मलकानी, वड़ोदरा गुजरात निवासी संजय आर. पटेल, सुखेर निवासी निर्मल और गुंजन दूदानी को 20-20 साल की सजा सुनाई। जबकि, अतुल महात्रे को 10 साल की सजा सुनाई है। इनमें रवि दूदानी और परमेश्वर व्यास साल 2016 से जेल में ही हैं। बाकी पांच आरोपी जमानत पर थे, जिन्हें अब जेल भेज दिया गया है।
कोर्ट में पेश होते आरोपी (फोटो- पत्रिका)
50 गवाह, 1000 दस्तावेज पेश
प्रकरण में सुनवाई के दौरान 50 गवाह, 1000 दस्तावेज पेश किए गए थे। साथ ही 1600 कंट्रोल सैंपल पर आर्टिकल और 300 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर आर्टिकल डलवाकर 50 गवाह पेश किए गए। इसके बाद आरोपियों पर दोष सिद्ध हो पाया। मामले में केन्द्र सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल, विशिष्ट लोक अभियोजक राजेश वसीटा और विशिष्ट लोक अभियोजक एससी शर्मा ने पैरवी की।
अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
विशिष्ट लोक अभियोजक राजेश वसीटा ने बताया कि आरोपी यह पूरा रैकेट मुंबई से चला रहा थे, जबकि विदेश तक तार जुड़े हुए थे। आरोपियों ने उदयपुर के कलड़वास, गुड़ली औद्योगिक क्षेत्र, राजसमंद के धोइंदा में गोदाम बनाए हुए थे, जहां से 23 हजार 500 करोड़ मैथाकुलोन टेबलेट्स मेंड्रेक्स (एमडी) बरामद की थी।
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विदेश में भी होती थी सप्लाई
गिरोह इस ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साउथ अफ्रीका और इंडोनेशिया तक सप्लाई करता था। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने इसकी कीमत करीब 3 हजार करोड़ रुपए बताई थी, लेकिन बाद में जब डीआरआई मुंबई की टीम ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत का आंकलन किया तो 8 हजार करोड़ रुपए कीमत सामने आई।
यह था पूरा मामला
उदयपुर में ड्रग रैकेट के बारे में डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) की टीम को मुंबई में इनपुट मिला था। इस आधार पर 28 अक्टूबर 2016 को कलड़वास स्थित फैक्ट्री पर छापा मारा गया था। यहां से 23 हजार 500 किलो एमडी ड्रग्स बरामद की थी। टीम ने गुड़ली और राजसमंद के धोइंदा में भी छापा मारा था।