प्रथम चरण में ये काम चुके पूरे
लवकुश वाटिका के निर्माण के लिए कुल दो करोड़ रुपए की स्वीकृति हुई। जिसमें प्रथम चरण में करीब 40 लाख रुपए के कार्य हो चुके हैं। जिसके तहत 6 फीट ऊंचाई की करीब 616 मीटर की चारदीवारी का निर्माण कराया गया है। वहीं, रास्तों की मरम्मत के साथ प्रकृति पथ बनाया गया है। इसमें तीन गजेबो हट बनाई गई है। इनको सेल्फी प्वाइंट का भी लुक दिया गया है। साथ ही यहां पौधरोपण कर मुख्य द्वार का निर्माण किया जा चुका है।
दूसरे चरण में ये चल रहे काम
दूसरे चरण में 97 लाख रुपए के कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। जिसमें एक छोटी और एक बड़ी गजेबो हट बनाई गई है। साथ ही क्षेत्र में अलग-अलग ट्रेक बनवाए गए है। इनमें एक्यूप्रेशर ट्रेक, इको ट्रायल ट्रेक का निर्माण हुआ है। ट्रेक के दोनों तरफ 500 मीटर में कर्व का निर्माण कराया गया है। वहीं बारिश के दौरान मिट्टी कटाव को रोकने के लिए एक स्ट्रेक्चर का निर्माण कराने के साथ तीन लूज स्टोन नाडी बनाए गए। जो मिट्टी का कटाव रोकने का कार्य करेंगे। ढलान क्षेत्र में सीढ़ीनुमा स्टेज का निर्माण हो चुका है। वाटिका में दो तलाइयों का निर्माण कराने के साथ बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले भी लगाए गए है।
वॉच टॉवर आकर्षण का केंद्र
वाटिका में दूर तक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाने के लिए लोहे का वॉच टावर बनाया गया है। इस पर भविष्य में आमजन चढ़कर प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा सकेंगे। साथ ही रेणिया मंगरी माताजी मंदिर तक जाने के लिए सीढिय़ों का मरम्मत और निर्माण कराया जा रहा है। फोरेस्ट चौकी व सोलर संयंत्र वन विभाग की ओर से बनाया जा रहा है। पक्की दीवार का निर्माण भी 391 मीटर लंबाई का किया जा रहा है।
औषधियों और सुगंधित पुष्पों से महकेगी वाटिका
वाटिका को हरा-भरा बनाने के लिए वन विभाग की ओर से 11 हजार से अधिक पौधे भी लगाए गए है। जिनमें विभिन्न किस्मों के पौधे शामिल है। छायादार, फलदार पौधों के अलावा औषधीय पौधे भी वाटिका में रोपे गए है। पर्यटकों को बैठने के लिए बैंच लगवाने के साथ पानी के प्रबंध भी किए जाएंगे। गार्डन में झूले, चकरी व एक गार्डन का निर्माण कराया गया है। साथ ही बच्चों के लिए यहां डमी वन्यजीवों के पुतले बनाए जाएंगे। इसके बाद सेल्फी पाइंट तैयार कर रंग-रोगन भी कराया जाएगा।