Rajasthan: फिर एक्शन में दिखे मंत्री किरोड़ीलाल मीणा, नकली खाद कंपनी पर अचानक मारा छापा; मचा हड़कंप
Rajasthan News: राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री और कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने एक बार फिर मिलावटी खाद और नकली बीज के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है।
किरोड़ीलाल मीणा ने नकली खाद कंपनी पर मारा छापा, फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Rajasthan News: राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री और कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने एक बार फिर मिलावटी खाद और नकली बीज के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है। गुरुवार को उन्होंने उदयपुर के उमरडा क्षेत्र में स्थित पटेल फास्फोस कंपनी पर अचानक छापा मारा। बता दें, कृषि मंत्री की इस कार्रवाई से नकली खाद और बीज बनाने वाली कंपनियों में हड़कंप मच गया है।
इस कार्रवाई के दौरान कंपनी में बड़े पैमाने पर मिलावटी आर्गेनिक खाद के उत्पादन की पुष्टि हुई, जिसके बाद मंत्री ने कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए।
मिलावट की शिकायतें पहले भी मिली थी
कृषि मंत्री ने बताया कि पटेल फास्फोस कंपनी में आर्गेनिक खाद के नाम पर मिलावट की शिकायतें पहले भी मिल रही थीं। मई महीने में कंपनी के विभिन्न सैंपलों की जांच की गई थी, जिसमें 8 सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे। इसके बावजूद कंपनी ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया।
मंत्री ने कहा कि किसानों को लूटने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ये लोग भारत सरकार की 328 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी का दुरुपयोग कर रहे हैं और घटिया खाद बनाकर किसानों को बर्बाद कर रहे हैं।
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कंपनी के खिलाफ पहले भी कार्रवाई
छापेमारी के दौरान यह भी सामने आया कि कंपनी के खिलाफ पहले भी कार्रवाई की जा चुकी थी। केंद्र सरकार की एक जांच टीम ने भी इस फैक्ट्री का दौरा किया था, जिसके बाद कंपनी की 6 महीने की सब्सिडी निलंबित कर दी गई थी। इसके बावजूद, कंपनी ने मिलावट का धंधा जारी रखा।
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने चेतावनी दी कि ऐसी सभी कंपनियों के सैंपल जांचे जाएंगे और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई होगी। उन्होंने अन्य फर्मों को भी अपनी गुणवत्ता सुधारने की सलाह दी और कहा, “किसानों की मेहनत को बर्बाद करने वालों को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ा जाएगा।
जयपुर में भी कई कंपनियों पर मारा था छापा
इससे पहले भी डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने नकली कीटनाशक और खाद के खिलाफ अभियान चलाया था। हाल ही में उन्होंने अजमेर के किशनगढ़ और जयपुर के आसपास 6 पेस्टिसाइड फैक्ट्रियों और उनके गोदामों पर छापेमारी की थी, जहां से कई संदिग्ध सैंपल जब्त किए गए थे।