बड़ी झील में लगा मछली पकड़ने वाले ठेकेदार का टेंट।
राजेन्द्रसिंह देणोक Udaipur News : राजस्थान के मत्स्य विभाग ने चंद लाख रुपयों के लिए दुनिया की दुर्लभ महाशीर मछली का जीवन दांव पर लगा दिया है। बड़ी झील में फिशिंग (मछली पकड़ने) का ठेका दे दिया। इसी मछली के संरक्षण के लिए एक साल पहले तत्कालीन कलक्टर ने झील में फिशिंग पर पाबंदी लगाई थी। यह झील महाशीर कंजर्वेशन रिजर्व घोषित है। यह भारत में एकमात्र और विश्व में दूसरा इस तरह का संरक्षित क्षेत्र है। विभाग ने 30 लाख में दो साल का ठेका दिया है। झील में 8 नावों से प्रतिदिन फिशिंग की जा रही है।
महाशीर मछली के जीवन का राज ताजा पानी है। अर्थात यह केवल ताजे पानी में ही जीवित रह सकती है। महाशीर एक बड़ी साइप्रिनिड मछली है। इतना ही नहीं क्रीड़ा करने वाली मछली है। इसके अलावा मछलियों में बाघ भी कहा जाता है। यह लुप्तप्राय हो रही है।
महाशीर मछली दुर्लभ
महाशीर मछली दुर्लभ है। यहां महाशीर की शुद्ध प्रजाति है। महाशीर के संरक्षण के लिए फिशिंग पर पाबंदी लगाई हुई थी, जबकि मछली पकड़ने का ठेका दे दिया गया। राहुल भटनागर, रिटायर्ड सीसीएफ
राज्य सरकार ने 7 अक्टूबर 2023 को बड़ी झील और आसपास के 206.350 हेक्टेयर क्षेत्र को महाशीर कंजर्वेशन रिजर्व के रूप में घोषित किया था। इस संबंध में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा भी महाशीर के संरक्षण के लिए 2017 में आदेश जारी किए थे। बड़ी झील के अलावा पाकिस्तान में पूंछ रिवर नेशनल महाशीर पार्क महाशीर मछली रिजर्व घोषित है।
उदयपुर शहर के निकट बड़ी गांव में पहाड़ियों के बीच यह झील बनी हुई है। पिछले साल तत्कालीन जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक हुई थी। इसमें बड़ी झील में फिशिंग पर पाबंदी लगाते हुए संरक्षण का निर्णय लिया था। फिशिंग के टेंडर नहीं किए जाएंगे। बड़ी झील के आस-पास रात में वन विभाग के कार्मिक गश्त करेंगे और मछली पकड़ने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।