बताया गया कि मंगलवार को विक्रम का कोई काम नहीं था, इसलिए वह अपने कमरे में ही रुका हुआ था। करीब 10 बजे उसने खाना खाया और सोने चला गया। कुछ समय बाद जब उसके साथी ने उसे देखा तो उसके मुंह से झाग निकल रही थी।
स्थिति गंभीर देख दूतावास को सूचित किया
साथी ने तत्काल उसे जगाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं उठा। स्थिति को गंभीर देखते हुए तत्काल भारतीय दूतावास को सूचित किया गया। कुवैत में ही रहने वाले युवक के रिश्तेदार भी दूतावास पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी अधिकारियों को दी।
गांव पहुंचा शव
दूतावास की ओर से आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बुधवार देर शाम युवक के शव को फ्लाइट से कुवैत से भारत रवाना किया गया। शव को अहमदाबाद एयरपोर्ट लाया गया, जहां से ग्रामीण डेरी गांव पहुंचाने के लिए रवाना हुए।
तीन बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
मृतक विक्रम पटेल अपने पीछे पत्नी और तीन छोटे बच्चों को छोड़ गया है। उनकी दो बेटियां दिव्यांशी (कक्षा 6) और अक्षिता (कक्षा 3) तथा एक बेटा मितेश (कक्षा 1) हैं। बच्चों की उम्र बेहद कम है और अब उन पर से पिता का साया उठ गया है।
परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों व परिजनों का कहना है कि विक्रम मेहनती और मिलनसार युवक था, जिसकी अचानक मौत ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।