यातायात के भारी दबाव वाले प्रतापनगर चौराहे पर भारी अतिक्रमण था, वाहनों के बीच वहां हर समय सडक़ों पर भीड़ जमा रहती है, जिससे हर पल दुर्घटना का भय रहता है। यातायात दबाव को कम करने के लिए वहां ओवरब्रिज बनाया गया, लेकिन वह भुवाणा मार्ग जाने वाले 10 फीसदी दबाव को ही कम कर पाया। 90 फीसदी वाहनों का दबाव आज भी वहां चौराहे पर ही है। सुबह व शाम के समय वहां पर दिहाड़ी मजदूर व सफर करने वालों लोग खड़े रहते हैं। भीड़ के बीच ही वहां दुकानदारों ने चौराहे से लेकर विद्यापीठ तक भारी अतिक्रमण कर मार्ग को ही संकरा कर दिया। भोजनालय संचालक व दुकानदार 10-10 आगे तक टीनशेड लगाकर आगे बढ़ गए। सब्जी मंडी पर भी सामान को फैलाकर मार्ग बंद कर दिया। काफी आगे तक सामान रखने से वहां पल-पल जाम लगता है। कई बार तो विद्यापीठ चौराहे से लेकर प्रतापनगर तक वाहन घंटों खड़े रहते हैं।
इसी भीड़भाड़ के बीच रविवार को वहां एक बेकाबू ट्रक ने मां-बेटे को चपेट में ले लिया था। हादसे में बेटे की मौके पर ही मौत हो गई थी। हादसे के बाद दूसरे ही दिन निगम ने वहां अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की।
— अस्थाई अतिक्रमण हटाए तो केबिन किए जब्त निगम आयुक्त राम प्रकाश के निर्देश पर अतिक्रमण निरोधक की टीम व निगम अधिकारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। टीम ने वहां पर फुटपाथ पर आगे तक निकले अस्थाई अतिक्रमण को ढहाया। दुकानों के आगे निकले टीनशेड को हटाया तो बंद पड़े कई केबिन को जब्त किया। निगम की इस कार्रवाई के दौरान व्यापारियों ने विरोध भी किया लेकिन उनकी दल-बल के आगे एक न चली। निगम अधिकारियों का कहना है कि टीम आकस्मिक निरीक्षण करेगी, इसमें फिर से कोई अतिक्रमण करेगा तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी करेगी।