जेल में उनके लिए कोई तय स्थान ही नहीं था। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि वे किन्नर समुदाय में मेल और फीमेल किन्नर हैं। जो कानूनी रूप से थर्ड जेंडर के रूप में पंजीकृत हैं।
जेल के भीतर अलग कक्ष में रखा गया
जैसे ही चारों को जेल में दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई, जेल अधिकारियों को समझ नहीं आया कि इन्हें पुरुष बैरक में रखा जाए या महिला बैरक में। दोनों ही विकल्प अनुचित लग रहे थे क्योंकि इससे सुरक्षा और निजता संबंधी कई गंभीर प्रश्न खड़े हो सकते थे। स्थिति को देखते हुए जेल प्रशासन ने इन्हें अस्थायी रूप से जेल के भीतर एक अलग कक्ष में रखा, जहां न तो पुरुष कैदी थे और न ही महिलाएं। ये भी पढ़ें: एमपी के इस शहर में बनेगी 4-लेन सड़क, 19 गांवों से ली जाएगी जमीन यह है मामला
जीआरपी थाना प्रभारी सोहन लाल पाटीदार ने बताया कि एक माह पूर्व मक्सी और शुजालपुर के बीच ट्रेन में यात्रियों से किन्नर मुस्कान गुरु डोली, करिश्मा गुरु मुस्कान, राजेंद्र पिता मनोहर राजपूत तीनों निवासी फ्रीगंज मोहल्ला शुजालपुर और शुभम पिता मुकेश निवासी पिपलिया थाना कालापीपल ने मारपीट की थी।
चारों के खिलाफ वारंट जारी होने पर 30 जून को उन्हें गिरफ्तार कर न्यायाधीश राहुल दीवान, उज्जैन की कोर्ट में पेश किया था। जहां से चारों को जेल भेज दिया।
एक मेल तो एक फीमेल एक्स जेंडर
जीआरपी द्वारा आरोपियों को पकड़ कर जेल पहुंचाने तक तो ठीक था। पर यहां भैरवगढ़ केंद्रीय जेल में जब जेल प्रशासन ने जांच की तो पता चला कि इनमें एक फीमेल और एक मेल किन्नर है। जेल अधीक्षक मनोज कुमार साहू ने बताया कि ऐसी स्थिति में दोनों किन्नर को एक अलग व्यवस्था के बराक में रखा है। सोमवार को आए बंदियों में एक मेल और एक फीमेल किन्नर हैं। जेल अधीक्षक का कहना है कि जेल में पूर्व से एक किन्नर बंद है, उसके लिए अलग व्यवस्था है। अब तीन हुए।