सिंहस्थ-28(Simhastha-28) में करीब 30 करोड़ श्रद्धालु और पर्यटकों के आने का अनुमान है। सभी की प्राथमिकता सिंहस्थ भ्रमण और साधु-संतों के दर्शन के साथ ही शिप्रा स्नान की भी होगी। ऐसे में बड़ी चुनौती इनके सुलभ शिप्रा स्नान और भीड़ प्रबंधन की रहेगी। इससे निपटने के लिए प्रशासन घाटों का विस्तार तो कर रही रहा है, अब घाटों पर आसानी से पहुंचने और बाहर निकलने के लिए भी योजना तैयार की है। इसके अंतर्गत शिप्रा नदी से 100 व 200 मीटर दूरी पर 14-15 किलोमीटर लंबी समानांतर सडक़ बनाई जा रही है।
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इस सडक़ की चौड़ाई 22 मीटर रहेगी। सडक़ और नदी के बीच हर 500 मीटर दूरी पर पक्के पाथ-वे बनाए जाएंगे। इससे श्रद्धालुओं को सडक़ पर चलने के दौरान हर आधा किलोमीटर दूर घाट पर जाने का रास्ता मिल सकेगा। इस तरह शहरी सीमा में सडक़ से घाट तक जाने के लिए लगभग 60 अप्रोच पाथ-वे उपलब्ध होंगे। सिंहस्थ में इनका उपयोग आगम व निगर्म के लिए कर, भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सकेगा। अभी योजना को अंतिम स्वीकृति मिलना शेष है।
नए घाटों का निर्माण जारी
सिंहस्थ में सुलभ शिप्रा स्नान व भीड़ प्रबंधन के लिए नदी किनारे 29 किलोमीटर लंबे नए घाट बनाए जा रहे हैं। करीब 779 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट का कार्य त्रिवेणी, मंगलनाथ सहित चार घाटों पर शुरू हो चुका है। प्रोजेक्ट को 30 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है। 29 किलोमीटर के नए घाट बनने के बाद वर्तमान घाट मिलाकर सिंहस्थ में करीब 35 किलोमीटर लंबे घाट उपलब्ध हो सकेंगे। इनसे एक दिन में करीब 5 करोड़ श्रद्धालु शिप्रा स्नान कर सकेंगे। सिंहस्थ में श्रद्धालु नए-पुराने घाटों पर आसानी से आ-जा सकें, इसके लिए समानांतर सड़क व पाथ-वे बनाने की योजना है। ये भी पढ़े –
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शिप्रा के समानांतरण सडक़ व पाथ-वे निर्माण पर करीब सौ करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। सिंहस्थ की संभागीय समिति इस प्रस्ताव की अनुशंसा कर चुकी है। सक्षम स्वीकृति मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली सिंहस्थ पर्यवेक्षण समिति द्वारा दी जाना है।18 जून को पर्यवेक्षण समिति की प्रस्तावित बैठक में इस योजना को रखा जाएगा।
पाथ-वे निर्माण की योजना तैयार
सिंहस्थ में साधु-सतों के साथ ही श्रद्धालुओं को सुरक्षा के साथ सुलभता से सुविधाएं उपलब्ध हो सकें, यह प्राथमिकता है। इसके लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। शिप्रा नदी के घाटों का विस्तार कार्य प्रचलित है। घाटों पर आसानी से पहुंचने के लिए समानांतर सडक़ व प्रत्येक 500 मीटर दूरी पर पाथ-वे निर्माण की योजना तैयार की है जिसे पर्यवेक्षण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।– रौशनकुमार सिंह, कलेक्टर