गर्भगृह में एंट्री की किसी को भी नहीं थी परमिशन
घटना के बाद सोमवार को मंदिर प्रशासन की ओर से कहा गया था विधायक गोलू शुक्ला को गर्भगृह में जाने की परमिशन थी, लेकिन मंगलवार उप प्रशासक एसएन सोनी ने स्पष्ट किया कि गोलू शुक्ला और उनके किसी भी समर्थक को गर्भगृह में जाने की परमिशन नहीं दी गई थी। वह लोग जबरन अंदर गए और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया।कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए
उज्जैन कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने घटना सामने आने के बाद 24 घंटे बाद मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। समिति को सात दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी।हालांकि, विधायक गोलू शुक्ला ने सफाई देते हुए कहा था कि उन्हें 5 लोगों की परमिशन दी गई थी। इसकी जानकारी प्रशासन को थी।
क्या है पूरा मामला
विधायक गोलू शुक्ला की कांवड़ यात्रा रविवार की रात उज्जैन पहुंची थी। सोमवार को भोर करीब ढाई बजे भस्म आरती के पट खुलने के बाद विधायक अपने बेटे और समर्थकों के साथ मंदिर पहुंचे। भस्म आरती में हरिओम का जल अर्पित करने के दौरान गोलू शुक्ला गर्भगृह में घुस गए। इसके बाद उनके पीछे बेटा रुद्राक्ष शुक्ला भी जबरन घुस गया। जबकि कर्मचारियों के द्वारा रोकने की कोशिश की गई।