उत्तर प्रदेश के उन्नाव डीआईओएस कार्यालय में लाल कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक को कंप्यूटर और कैमरे लगाने का ठेका मिला था। ठेकेदार लाल सिंह ने बताया कि काम पूरा होने के बाद उन्होंने 3.24 लाख रुपए के भुगतान के लिए बिल लगाया था। पिछले ढाई महीने से भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन विभाग यह बाबू अमित कुमार और अमित भारती भुगतान नहीं कर रहे थे। दोनों ने रिश्वत के रूप में बिल का 8 प्रतिशत की मांग की। इसके बाद उन्होंने विजिलेंस टीम में शिकायत की।
विजिलेंस की टीम ने बिछाया जाल
विजिलेंस टीम ने उनकी शिकायत को संज्ञान में लिया। पूर्व नियोजित योजना के अनुसार बीते सोमवार 10 मार्च को विजिलेंस टीम में जाल बिछाया। पान की दुकान पर अमित कुमार और अमित भारती को केमिकल लगे नोटों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। विजिलेंस की टीम दोनों को लेकर अपने साथ चली गई। जिनके खिलाफ गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। दोनों को अदालत में पेश कर 14 दिन के न्यायिक हिरासत में लगी।
क्या है पूरा मामला
यूपी बोर्ड की परीक्षा शुरू होने से पहले जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में 90 सीसीटीवी कैमरे और दो कंप्यूटर लगाने का टेंडर निकाला गया। जिसका ठेका सिविल लाइन निवासी लाल सिंह को मिला था। लाल सिंह ने काम पूरा होने के बाद 3.24 लाख रुपए का बिल विभाग में लगाया। जिसके भुगतान के लिए 8 प्रतिशत रिश्वत की मांग हो रही थी। लाल सिंह ने बताया कि 24 हजार पहले ही दे चुके हैं। अब 30 हजार की मांग हो रही है।