उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दो नदियां गंगा और सई नदी में बाढ़ आती है। गंगा में बाढ़ आने से तहसील बांगरमऊ, सफीपुर, उन्नाव, बीघापुर के गांव प्रभावित होते हैं। जबकि सई नदी का बाढ़ का पानी हसनगंज, पुरवा तहसील के गांवों में आता है। राजस्व विभाग से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के गांवों का चिन्हांकन करने को कहा। बोले बाढ़ कैम्प, चौकियों पर कर्मचारियों की तैनाती, जीवन उपयोगी आवश्यक वस्तुएं, नाविकों, भूसा, पानी, राशन किट, दवाईयां आदि की भी व्यवस्था कर ले।
पुलिस विभाग को भी दिए गए निर्देश
डीएम गौरांग राठी ने पुलिस विभाग से बाढ़ के दौरान सुरक्षा कार्य, जीवन रक्षा उपकरण, जन-धन की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने को कहा। चिकित्सा विभाग बाढ़ चौकियों में चिकित्सा की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे कि संक्रामक रोगों और महामारी की पर रोक लगाई जा सके। पशुपालन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट रहे। पशुओं में रोगों की रोकथाम हेतु पशुचिकित्सा, टीकों की पर्याप्त व्यवस्था करा लें।
सिंचाई विभाग को मिले यह निर्देश
डीएम ने सिंचाई विभाग को नालों की सफाई, नहरों, बांधों, तटबन्धों की मरम्मत, पर्याप्त मात्रा में पम्पिंग सेट की उपलब्धता, बांधों, तटबन्धों की निगरानी हेतु स्टाफ की नियुक्ति, खाली बोरियों एवं रेत, मौरंग आदि का प्रबंध करने को कहा।
विद्युत, पूर्ति, लोक निर्माण विभाग और जल निगम को भी दिए निर्देश
गौरांग राठी ने विद्युत विभाग को सम्भावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में री-वैम्प योजना के तहत कराए जा रहे कार्यों को बाढ़ से पहले ही कराने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने पूर्ति, लोक निर्माण, जल निगम आदि को भी निर्देश दिए कि अपनी-अपनी विभागीय तैयारियां सुनिश्चित करा लें। ताकि बाढ़ के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो।
जिला मुख्यालय से सभी तहसीलों में बनेंगे कंट्रोल रूम
जिला मुख्यालय के साथ सभी तहसीलों में कंट्रोल रूम बनाने के भी निर्देश दिए हैं। जो 24 घंटे कार्य करेंगे। बैठक में एडीएम वित्त एवं राजस्व सुशील कुमार गोंड, एएसपी प्रेमचन्द्र, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट शौर्य अरोणा, जिला पूर्ति अधिकारी राज बहादुर, जिला कृषि अधिकारी शशांक, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. महावीर सिंह, अधिशासी अभियंता विद्युत भरत गौतम शाहिद अधिकारी गण मौजूद थे।