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विदिशा

एमपी के 71 निजी स्कूलों पर लगा ताला! नए शैक्षणिक सत्र के लिए नहीं की थी मान्यता प्राप्त

private schools closed: मध्य प्रदेश में नए शैक्षणिक सत्र के लिए मान्यता प्राप्त नहीं करने वाले स्कूलों पर शिक्षा विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसी कड़ी में शिक्षा केंद्र ने 71 निजी स्कूलों को बंद कर दिया है।

विदिशाMar 29, 2025 / 12:34 pm

Akash Dewani

71 private schools closed in vidisha district by MP Education department
private schools closed: मान्यता नवीनीकरण न कराने के कारण विदिशा जिले के 71 निजी स्कूलों पर बंद होने की नौबत आ गई है। जिला शिक्षा केंद्र ने इन स्कूलों की सूची जारी करते हुए यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का पंजीयन नजदीकी स्कूल में कराने का निर्देश दिया है। इन सभी स्कूलों की मान्यता 31 मार्च तक थी।

तीन मौके मिलने के बावजूद नहीं मिली मान्यता

नए शैक्षणिक सत्र के लिए मान्यता प्राप्त करने के लिए इन स्कूलों को जिला शिक्षा केंद्र की ओर से तीन मौके दिए गए थे। 23 दिसंबर 2024 से लेकर 10 फरवरी 2025 तक दो बार तिथि बढ़ाई गई और उसके बाद विशेष शुल्क के साथ 14 फरवरी तक का मौका दिया गया। बावजूद इसके, स्कूल संचालकों ने आवेदन नहीं किया। इसी कारण अब इन स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

सबसे अधिक विदिशा में होंगे स्कूल बंद

आदेश के मुताबिक, विदिशा जिले में सबसे अधिक 21 स्कूलों को बंद किया जाएगा। नटेरन के 18, लटेरी के 10, गंजबासौदा के 8, ग्यारसपुर के 5, सिरोंज के 5 और कुरवाई के 4 स्कूलों को भी बंद करने का आदेश जारी हुआ है। जिला शिक्षा अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि अब इन स्कूलों को मान्यता नवीनीकरण या नवीन मान्यता के लिए कोई और मौका नहीं मिलेगा।
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रिकॉर्ड जमा करने का निर्देश

जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक ने सभी निजी स्कूल संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने स्कूल के शाला रिकॉर्ड, प्रवेश पंजी, टीसी रजिस्टर, परीक्षाफल पत्रक सहित अन्य अभिलेख संकुल केंद्र में बीआरसी, बाइओ और संकुल प्राचार्य की उपस्थिति में जमा करें। इसका उद्देश्य पंजीकृत छात्र-छात्राओं का नजदीकी स्कूल में पुन: पंजीयन कराना है।

कम बच्चों वाली स्कूलें ज्यादा प्रभावित

ज्यादातर बंद होने वाले स्कूलों में छात्रों की संख्या काफी कम है। जिला परियोजना समन्वयक आरपी लखेर के अनुसार, स्कूल संचालकों ने मान्यता के लिए आवेदन न करने का प्रमुख कारण कम छात्रसंख्या को बताया है।

भविष्य की राह कठिन

इन स्कूलों के बंद होने से छात्र-छात्राओं के साथ ही अभिभावक भी परेशान हैं। बच्चों के नजदीकी स्कूलों में पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब देखना यह होगा कि इन बच्चों को शिक्षा के नए केंद्रों में कितनी जल्दी समायोजित किया जा सकेगा।

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