PCOS Yoga Poses: पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से महिलाओं को कई तरह की दिक्कत का सामना करना होता है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लिए एसएमएस मेडिकल कॉलेज के योग ओपीडी प्रभारी डॉ. धीरज जेफ ने इसको लेकर कुछ योग पोजेज बताए हैं। डॉक्टर का कहना है कि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो विशेषकर महिलाओं के अंडाशय (ओवरी) से जुड़ी होती है। इस समस्या के कारण महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन उत्पन्न हो जाता है जिसके कारण अंडाशय में कई गांठें (सिस्ट) बन जाती हैं। धीरे-धीरे ये सिस्ट बड़ी हो सकती हैं जिससे ओवुलेशन की प्रक्रिया में रुकावट आती है और गर्भधारण में कठिनाई होती है। इसके अलावा पीसीओएस के कारण कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं जैसे अनियमित माहवारी, सिरदर्द, मुंहासे, वजन बढ़ना, और अनचाहे बालों का बढ़ना।
डॉ. ने ये भी कहा कि हालांकि पीसीओएस का इलाज संभव नहीं है लेकिन नियमित योगाभ्यास से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। योग शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाने में मदद करता है जो पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। योग के विभिन्न आसन और प्राणायाम से शरीर में रक्त संचार में सुधार होता है हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में मदद मिलती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
योग के कुछ प्रभावी आसन
सूक्ष्म यौगिक व्यायाम: गर्दन से लेकर पैर के टिकने तक शरीर के प्रत्येक अंग का घूर्णन करें। इससे पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और शारीरिक लचीलापन बढ़ता है।
बद्धकोणासन: यह आसन विशेष रूप से प्रजनन अंगों के लिए फायदेमंद है। इसे करते समय पैरों को जोड़कर हाथों से पंजों को पकड़े और घुटनों को जमीन तक लाने की कोशिश करें। इससे पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है।
पश्चिमोत्तानासन: इस आसन से माहवारी से संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है। इसे करने के लिए पैरों को सीधा रखें और कमर से झुकते हुए पैरों के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। यह योग मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करता है।
उष्ट्रासन: यह आसन पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाता है। इसे करने के लिए घुटनों पर बैठकर शरीर को पीछे की ओर झुकाते हुए दोनों हाथों से पैरों के पंजों को पकड़े।
प्राणायाम: कपालभाति, नाड़ीशोधन और भ्रामरी प्राणायाम मानसिक शांति प्रदान करते हैं और नींद को बेहतर बनाते हैं। इन प्राणायामों से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है,जो पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में सहायक है।
पीसीओएस एक गंभीर समस्या हो सकती है लेकिन नियमित योगाभ्यास से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। योग शरीर और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए एक बेहतरीन उपाय है जो महिलाओं को पीसीओएस के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है।