◙ टीआरएफ को अमेरिका ने घोषित किया अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन
द रेसिस्टेन्स फ्रंट – टीआरएफ (The Resistance Front – TRF) नाम के आतंकी संगठन ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ही इसकी ज़िम्मेदारी ले ली थी। हालांकि बाद में भारत के एक्शन से डरते हुए टीआरएफ ने कहा कि उसका पहलगाम आतंकी हमले में हाथ नहीं था, लेकिन यह साबित हो गया था कि टीआरएफ के आतंकियों ने ही इस हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी और 20 लोग घायल हो गए थे। टीआरएफ के आतंकियों ने लोगों से उनका धर्म पूछकर हिंदू होने की पुष्टि होने पर ताबड़तोड़ गोलीबारी करते हुए लोगों की जान ली थी। अब अमेरिका ने टीआरएफ को एक नामित विदेशी आतंकवादी संगठन – एफटीओ (Foreign Terrorist Organisation – FTO) और विशेष रूप से नामित अंतराष्ट्रीय आतंकी संगठन – एसडीजीटी (Specially Designated Global Terrorist – SDGT) की लिस्ट में शामिल कर दिया है।◙ क्या है टीआरएफ? कब हुई थी इसकी शुरुआत?
टीआरएफ, पाकिस्तान बेस्ड और पाकिस्तान समर्थित एक इस्लामिक आतंकी संगठन है। भारत के गृह मंत्रालय के अनुसार टीआरएफ, 2019 में अस्तित्व में आया था। टीआरएफ अपने मंसूबों के लिए लोकल कश्मीरियों को भारत के खिलाफ भड़काने का काम भी करता है। इसके लिए टीआरएफ के आतंकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन मैसेंजर्स का इस्तेमाल करते हैं और उनका ब्रेनवॉश करते हैं जिससे वो यह सोचने लगे कि भारत उनका दुश्मन है और उन्हें भारत के खिलाफ आतंकवाद की जंग लड़नी है। इस भड़कावे में आकर कई कश्मीरी बंदूक उठा लेते हैं और आतंकवाद की राह पर चल पड़ते हैं।
◙ लश्कर से क्या है कनेक्शन?
टीआरएफ, पाकिस्तान के खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़ा आतंकी संगठन है। टीआरएफ को लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी ग्रुप भी कहते हैं, जो लश्कर के निर्देशों पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है।
◙ आईएसआई से भी मिलती है मदद
टीआरएफ को न सिर्फ लश्कर से, बल्कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) से भी मदद मिलती है। आईएसआई, टीआरएफ को ज़रूरी खुफिया जानकारी और हथियार मुहैया कराने के साथ ही फंडिंग दिलाने के काम को भी अंजाम देती है।
◙ भारत ने कब किया था आतंकी संगठन घोषित?
टीआरएफ, पाकिस्तान से जम्मू और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों, आतंकियों की भर्ती, आतंकियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू और कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे काम करता है। इसी वजह से भारत के गृह मंत्रालय ने टीआरएफ को 5 जनवरी, 2023 को आतंकी संगठन घोषित किया था। टीआरएफ द्वारा कश्मीर में पत्रकारों को धमकियाँ देने के कुछ महीनों बाद यह कदम उठाया गया था।
◙ पहलगाम आतंकी हमले से पहले और कब टीआरएफ ने किया है हमला?
पहलगाम आतंकी हमला पहला मौका नहीं था जब टीआरएफ ने भारत में किसी आतंकी हमले को अंजाम दिया था। इससे पहले भी इस इस्लामिक आतंकी संगठन ने भारत में सेना पर अलग-अलग मौकों पर हमले किए हैं। आइए उन हमलों पर नज़र डालते हैं।⦿ 1 अप्रैल, 2020 – कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल के पास टीआरएफ आतंकियों और भारतीय सुरक्षाबलों के बीच चार दिनों तक मुठभेड़ चली, जिसमें कई आतंकी तो मारे गए, लेकिन 5 भारतीय पैरा कमांडो भी शहीद हो गए थे।
⦿ 3 मई, 2020 – कुपवाड़ा ज़िले में एक मुठभेड़ में टीआरएफ के आतंकियों के हमले में भारतीय सेना के एक कर्नल, एक मेजर और विशेष अभियान समूह (एसओजी) के एक इंस्पेक्टर समेत 5 भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। टीआरएफ के 2 आतंकी भी इस दौरान मारे गए थे।
⦿ 5 मई, 2020 – टीआरएफ के एक हमले में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 4 जवान शहीद हो गए थे और एक नागरिक विकलांग हो गया था , जबकि सीआरपीएफ़ के 5 अन्य जवान घायल हो गए।
⦿ 21 मई, 2020 – टीआरएफ के आतंकियों ने सीआरपीएफ/जम्मू और कश्मीर पुलिस के एक दल पर हमला किया था, जिसमें 2 जवान शहीद हो गए थे और एक घायल हो गया था।
⦿ 1 जुलाई, 2020 – टीआरएफ़ के आतंकियों ने भारतीय सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें 2 जवान शहीद हो गए और तीन घायल हो गए। गोलीबारी में एक नागरिक की भी मौत हो गई थी।
⦿ 2024 – अमेरिकी विदेश विभाग ने 2024 के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों में टीआरएफ के शामिल होने की बात बताई थी। हालांकि इन हमलों से जुड़ी ज़्यादा जानकारी सामने नहीं आई थी।
