नासा (NASA) ने कहा कि फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए ISS पर भेजा जाएगा। चार देशों के चार एस्ट्रोनॉट 14 दिन के लिए स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं। शुभांशु ISS पर जाने वाले पहले भारतीय हैं, जबकि अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे पहले स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा साल 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट की मदद से अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके हैं।
छह बार टली है शुभांशु की उड़ान
शुभांशु की उड़ान 6 बार टली। पहली बार 29 मई को टाली गई, फिर तकनीकी खराबी, मौसम या अन्य कारणों के चलते 8 जून, 10 जून, 11 जून, 12 जून और 22 जून को भी लॉन्चिंग टाली गई। ISS के जेवेदा सर्विस मॉड्यूल के पिछले हिस्से में हाल ही में हुए मरम्मत कार्य की समीक्षा और सुरक्षा जांच के लिए लॉन्चिंग को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया था। डायबिटीज पर रिसर्च करेंगे शुभांशु
एक्सिओम-4 मिशन डायबिटीज पर रिसर्च करेंगे। UAE की हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर बुर्जील होल्डिंग माइक्रोग्रैविटी में ग्लूकोज के व्यवहार पर रिसर्च कर रही है। कंपनी यह जानने की कोशिश कर रही है कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान ब्लड शुगर में कोई उतार चढ़ाव होता है कि नहीं।
माइक्रोग्रैविटी में ग्लूकोज और इंसुलिन के व्यवहार के अध्ययन से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष यात्रियों और उन रोगियों के लिए वियरेबल टेक्नीक बनाने में मदद मिलेगी, जो बिस्तर पर पड़े हैं। जिन्हें पैरालाइसिस जैसी गंभीर बीमारी है। एक्सिओम मिशन के तहत शुभम व अन्य अंतरिक्ष यात्री सूट राइड एक्सपेरिमेंट के हिस्से के रूप में ऑर्बिटल लैब में 14 दिन लगातार ग्लूकोज मॉनिटर पहनेंगे।
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12 दिन बाद खत्म हुआ ईरान और इजरायल का युद्ध, डोनाल्ड ट्रंप ने किया सीजफायर का ऐलान शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उन्होंने स्कूली शिक्षा मॉन्टेसरी स्कूल से पूरी की। स्कूली शिक्षा के बाद शुभांशु शुक्ला ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में दाखिला लिया और 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त किया। ग्रुप कैप्टन बनने से पहले, उन्होंने भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर के रूप में काम किया। उनके पास 2 हजार घंटों का उड़ान अनुभव है. वह वर्तमान में भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमान परीक्षण पायलट है। उन्होंने सुखोई-30एमकेआई, मिग-21, मिग-29, एएन-32, डोर्नियर, हॉक और जगुआर उड़ाए हैं।
25 मई से क्वारंटाईन हैं शुभांशु सहित चार अतंरिक्ष यात्री
यात्रा की तैयारी के लिए चारों अंतरिक्ष 25 मई से क्वारंटाईन हैं। 10 जून को प्रक्षेपण से पहले सभी तरह की प्रशिक्षण ले रहे हैं। एक्सिओम स्पेस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि एक्स-4 चालक दल व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त करता है, जिसमें पानी के नीचे से बच निकलने के अभ्यास जैसे कई प्रशिक्षण शामिल हैं।