ज़ेलेन्स्की ने लिखा ट्रंप को पत्र, रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति वार्ता के लिए तैयार
Zelenskyy’s Letter To Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की को एक पत्र लिखा है। क्या है यूक्रेनी राष्ट्रपति के पत्र में? आइए जानते हैं।
President Donald Trump addresses a joint session of Congress at the Capitol in Washington, Tuesday, March 4, 2025. (Win McNamee/Pool Photo via AP)
अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मंगलवार की रात (भारतीय समयसानुसार बुधवार की सुबह) हाउस ऑफ चैंबर में कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। अपने इस संबोधन में ट्रंप ने कई अहम बातों का ज़िक्र किया, जिसमें 2 अप्रैल से ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ (Reciprocal Tariff) लागू करने की घोषणा भी शामिल थी। ट्रंप ने अपने इस संबोधन में रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) का भी ज़िक्र किया और बताया कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की (Volodymyr Zelenskyy) ने उन्हें एक पत्र लिखा है।
ट्रंप ने बताया कि उन्हें मंगलवार को ही ज़ेलेन्स्की का पत्र मिला। इस पत्र में ज़ेलेन्स्की ने लिखा कि यूक्रेन शांति वार्ता के लिए तैयार है और इसके लिए जल्द से जल्द बातचीत करना चाहता है, जिससे यूक्रेन में शांति की स्थापना हो सके। ज़ेलेन्स्की ने अपने पत्र में अमेरिका और यूक्रेन के बीच खनिजों के समझौते और यूक्रेन के लिए अमेरिकी सुरक्षा का भी ज़िक्र किया। ज़ेलेन्स्की ने लिखा कि वह इस समझौते लिए लिए पूरी तरह से तैयार हैं और जब भी ट्रंप को सुविधा हो, वह इस पर हस्ताक्षर कर देंगे।
रुस भी शांति के लिए तैयार
ट्रंप ने ज़ेलेन्स्की के पत्र के बारे में बात करते हुए यह भी बताया कि उनकी रूस से भी इस युद्ध के विषय में गंभीर चर्चा हुई है। ट्रंप को रूस की तरफ से इस बात के संकेत मिले हैं कि रूस भी शांति के लिए तैयार है।
अचानक बदले ज़ेलेन्स्की के तेवर
कुछ दिन पहले ही अमेरिका में ट्रंप और ज़ेलेन्स्की की मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद ज़ेलेन्स्की अमेरिका छोड़कर चले गए। ज़ेलेन्स्की ने तो यह तक कह दिया था कि वह इस विषय में माफी नहीं मांगेंगे। ट्रंप ने भी ज़ेलेन्स्की के बारे में कहा था कि वह इस युद्ध में शांति नहीं चाहते। इतना ही नहीं, ट्रंप ने तो यूक्रेन को अमेरिका की तरफ से दी जाने वाली सैन्य सहायता पर भी रोक लगा दी है। इसके बाद ज़ेलेन्स्की के तेवर अचानक ही बदल गए हैं और उनका रुख भी नरम पड़ गया है।