गाज़ा में घमासान (Gaza War) फिर से शुरू हो गया है। इज़रायल (Israel) ने फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) के सफाए के लिए एक बार फिर गाज़ा में मिलिट्री ऑपरेशन शुरू कर दिया है। सीज़फायर समझौते को आगे बढ़ाने की शर्तों पर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनी और इस वजह से इज़रायली सेना ने गाज़ा में ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए। मंगलवार से इज़रायली सेना ने एक बार फिर गाज़ा में अपनी सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। इससे फिलिस्तीनियों (Palestinians) में हाहाकार मच गया है।
◙ गाज़ा में फिर पहुंचे इज़रायली टैंक, ग्राउंड ऑपरेशन शुरू
इज़रायली सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद सेना ने गाज़ा में फिर से इज़रायली टैंक उतार दिए हैं। सीज़फायर के दौरान इज़रायली सेना ने टैंकों को हटा दिया था, जिन्हें अब फिर से गाज़ा में भेज दिया गया है। इसी के साथ एक बार फिर गाज़ा में इज़रायल का ग्राउंड ऑपरेशन शुरू हो गया है।
मंगलवार से इज़रायली सेना ने एक बार फिर गाज़ा में हवाई हमले और बमबारी शुरू कर दी है। तब से अब तक करीब 500 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है और आने वाले समय में यह आंकड़ा और बढ़ेगा, क्योंकि इज़रायल ने साफ कर दिया है कि हमास के खिलाफ उसकी कार्रवाई जारी रहेगी।
हमास की कैद में अभी भी इज़रायल के कई बंधक हैं। सीज़फायर समझौते की शर्तों पर सहमति नहीं बनने से उनकी रिहाई फिलहाल के लिए अटक गई है। इज़रायल ने साफ कर दिया है कि उन्हें बचे हुए बंधक जल्द से जल्द वापस चाहिए।
◙ इज़रायली रक्षा मंत्री ने दी हमास को तबाह करने की धमकी
इज़रायल एक बार फिर आक्रामक अंदाज़ में आ गया है। इज़रायली रक्षा मंत्री इज़रायल काट्ज़ (Israel Katz) ने हमास को धमकी दे दी है कि अगर हमास ने इज़रायली बंधकों की रिहाई नहीं की, तो इज़रायली सेना हमास को तबाह कर देगा। इज़रायली सेना की सैन्य कार्रवाई आने वाले समय में और तेज़ हो जाएगी।
इसी बीच इज़रायल में पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर नेतन्याहू के खिलाफ अपने विरोध का प्रदर्शन कर रहे हैं। यरुशलम (Jerusalem) और तेल अवीव (Tel Aviv) में हज़ारों लोग नेतन्याहू के विरोध में सड़कों पर उतर आए। 12 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। इज़रायली जनता इस बात से नाराज़ है कि नेतन्याहू ने एक बार फिर युद्ध शुरू कर दिया है। यह पहला मौका नहीं है जब इज़रायली जनता ने नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए हैं। युद्ध के दौरान अलग-अलग मौकों पर इज़रायल के शहरों में नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं।