जब स्थानीय लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देने की कोशिश की
रिपोर्ट्स के अनुसार, विरोध प्रदर्शन उस समय शुरू हुआ जब स्थानीय लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया। इसके चलते विरोध और भी हिंसक हो गया,और प्रदर्शनकारियों ने मंत्री के घर पर हमला किया। इस घटना ने पाकिस्तान सरकार और सिविल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
पाकिस्तानी सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने का ऐलान किया
इसके बाद, पाकिस्तानी सरकार ने इस हिंसक विरोध के बाद सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत करने का ऐलान किया है। सिंध प्रांत में किसी भी प्रकार का और उत्पात रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही, सरकार ने यह तय किया है कि जो लोग इस हिंसा में शामिल थे, उन्हें जल्दी ही पकड़ कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
भारत-पाकिस्तान जल विवाद के संदर्भ में भी गंभीर सवाल खड़े करता
जानकारी के अनुसार इस घटना के पीछे सिंध नदी पर नहर बनाने की योजना को लेकर विरोध की कहानी छिपी हुई है, जो न केवल पाकिस्तान के आंतरिक जल विवाद उजागर करता है, बल्कि भारत-पाकिस्तान जल विवाद के संदर्भ में भी गंभीर सवाल खड़े करता है। अगर सिंध नदी पर यह नहर बनती है, तो इसका भारत पर भी असर हो सकता है, क्योंकि इस नदी का पानी दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तानी राजनीति में तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं
बहरहाल इस घटना पर पाकिस्तानी राजनीति में तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने मंत्री के घर पर हुए हमले की निंदा करते हुए इसे “आतंकी हमला” करार दिया। उन्होंने कहा, “सभी को विरोध का अधिकार है, लेकिन हिंसा को बढ़ावा देने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” दूसरी ओर, पाकिस्तान के गृह मंत्री जिया उल हसन लंजर ने इस हमले को कानून का उल्लंघन बताते हुए कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। इनपुट के लिए क्रेडिट: यह जानकारी “सिंध प्रांतीय प्रशासन” पर आधारित है, जिन्होंने घटनास्थल पर मौजूद सुरक्षा अधिकारियों से घटनाक्रम की पुष्टि की है।
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