भारतीय प्रदर्शनकारियों की ओर गुस्से में देखा और गले पर हाथ फेरा
वीडियो में कर्नल तैमूर राहत को भारतीय प्रदर्शनकारियों की ओर गुस्से में देखते हुए और गले पर हाथ फेरते हुए साफ देखा जा सकता है। यह विरोध 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ आयोजित किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। ब्रिटेन में हुए इस प्रदर्शन में भारतीय और यहूदी समुदायों के 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया। वे भारतीय झंडे लहरा रहे थे और पाकिस्तान की ओर से आतंकवादी संगठनों को दिए जा रहे समर्थन के खिलाफ तख्तियां लेकर न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने ब्रिटिश सरकार से इस असभ्य व्यवहार को लेकर सख्त कूटनीतिक कार्रवाई करने की मांग की है। यह घटना न केवल प्रदर्शन के शांतिपूर्ण स्वरूप को प्रभावित करने वाली रही।
पाकिस्तान के व्यवहार को उकसावे की कार्रवाई बताया
लंदन में हुए भारतीय प्रवासियों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान, आयोजकों ने पाकिस्तान उच्चायोग और उसके अधिकारियों के व्यवहार पर कहा, “यह सिर्फ असंवेदनशीलता नहीं है, बल्कि उकसावे की कार्रवाई है। अगर पाकिस्तान आतंकवाद की निंदा नहीं कर सकता, तो वह इसमें भागीदार माना जाएगा।”
पाकिस्तान के उच्चायोग ने तेज और जश्न भरा संगीत बजाया
प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान के उच्चायोग की ओर से तेज और जश्न भरा संगीत बजाने की भी आलोचना की गई। आयोजकों ने इसे “बेतुका और अपमानजनक कृत्य” करार देते हुए कहा कि इससे “घाव पर नमक छिड़कने जैसा” असर हुआ। एक भारतीय-यहूदी प्रदर्शनकारी ने बातचीत में कहा, “हम भारत का समर्थन करते हैं, क्योंकि हम दोनों एक ही दुश्मन का सामना कर रहे हैं -इस्लामी कट्टरपंथ। पहलगाम में जो हुआ, उसने हमें इज़राइल पर हमास के हमलों की याद दिला दी।”
पहलगाम हमले के जवाब में भारत के सख्त कदम
गौरतलब है कि भारत सरकार ने पहलगाम हमले के जवाब में सख्त कदम उठाए हैं। सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि निलंबित कर दिया है और अटारी भूमि सीमा को बंद करने का निर्णय लिया है। साथ ही पाकिस्तान के नागरिकों को 1 मई तक भारत छोड़ने का आदेश दिया है।