म्यान्मार में प्रवासी भारतीयों की संख्या
म्यान्मार में प्रवासी भारतीयों की संख्या लगभग 3 लाख के आस-पास है। ये भारतीय नागरिक विभिन्न व्यवसायों में सक्रिय हैं, जैसे व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा, और अन्य क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं। म्यान्मार में भारतीय समुदाय की एक लंबी और समृद्ध इतिहास है, और यह समुदाय विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक पहलुओं में सक्रिय रूप से शामिल है।
म्यान्मार में प्रवासी राजस्थानियों की तादाद
म्यान्मार में प्रवासी राजस्थानियों की संख्या सटीक रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन अनुमानित रूप से यह संख्या हजारों में है। राजस्थान से संबंधित प्रवासी भारतीय समुदाय विशेष रूप से व्यापार, उद्योग, और अन्य पेशेवर क्षेत्रों में सक्रिय हैं। म्यान्मार में राजस्थानियों का सांस्कृतिक और व्यावसायिक योगदान महत्वपूर्ण है, और ये लोग भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं को वहां बनाए रखते हुए स्थानीय समाज में एक अहम भूमिका निभाते हैं।
दुबई, ब्रिटेन, ओमान, मॉरीशस कतर व युगांडा के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात
राजस्थान सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने भुवनेश्वर में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के मौके पर केंद्रीय पर्यटन और कला व संस्कृति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, ओडिशा के उप मुख्यमंत्री प्रवति परिदा और आंध्र प्रदेश के एनआरआई सशक्तीकरण और संबंध मंत्री कोंडापल्ली श्रीनिवास से मुलाकात की। राजस्थान सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने दुबई, ब्रिटेन, ओमान, मॉरीशस, कतर व युगांडा के प्रवासी राजस्थानी प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की और भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भाग लिया।
प्रवासी राजस्थानी समुदाय से जुड़ाव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें राजस्थान सरकार द्वारा दुनिया भर में प्रवासी राजस्थानियों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने आंध्र प्रदेश सरकार के एनआरआई सशक्तीकरण व संबंध मंत्री कोंडापल्ली श्रीनिवास से भी मुलाकात की और उन्हें प्रमुख मुद्दे बताए। प्रवासी राजस्थानी समुदाय से जुड़ने के लिए राजस्थान फाउंडेशन की ओर से अपनाई गई प्रथाओं और पहलों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर राजस्थान सरकार में राजस्थान फाउंडेशन की आयुक्त डॉ. मनीषा अरोड़ा ने कहा, “हमारे प्रतिनिधिमंडल की केंद्रीय पर्यटन और कला व संस्कृति मंत्री, जो स्वयं राजस्थान से हैं, के साथ बहुत गर्मजोशी और उपयोगी चर्चा हुई, जिसके दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रवासी राजस्थानियों के साथ संपर्क को मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से उठाए जा रहे प्रमुख कदमों के बारे में मंत्री को जानकारी दी गई। मंत्री को राजस्थान फाउंडेशन की ओर से नए और मौजूदा राजस्थानी राजस्थानी समुदायों को क्रियाशील और पुनर्जीवित करने के लिए उठाए जा रहे उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई।
राजस्थान फाउंडेशन का भुवनेश्वर चैप्टर
इससे पहले डॉ. अरोड़ा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कई प्रवासी भारतीयों के साथ बैठक की। भुवनेश्वर में उत्कल चैम्बर ऑफ कॉमर्स में राजस्थानियों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री की ओर से राजस्थान फाउंडेशन के नव स्थापित भुवनेश्वर चैप्टर को क्रियाशील बनाने के निर्देशों के मद्देनजर प्रतिनिधिमंडल ने समुदाय से मुलाकात की। कार्यक्रम में भाग लेने वाले राजस्थान फाउंडेशन के प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में शामिल हैं अमित सिंघल, प्रबंधक और रोहित शर्मा, उप निदेशक और राजस्थान सरकार के अन्य अधिकारी।
प्रवासी राजस्थानी दिवस मनाने की घोषणा
गौरतलब है कि पिछले साल 9-11 दिसंबर को जयपुर में आयोजित ‘राइजिंग राजस्थान’ वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन 2024 में भी प्रवासी भारतीयों की अच्छी खासी भागीदारी देखी गई थी। वहीं 10 दिसंबर को एक समर्पित प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जिसमें समुदाय को मूल राज्य के साथ अपने संबंधों को नवीनीकृत करने और राज्य में नए निवेश और व्यापार के अवसरों के प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए आमंत्रित किया गया था। वहीं मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सम्मेलन के दौरान समुदाय की भलाई के लिए एक समर्पित सरकारी विभाग बनाने की भी घोषणा की थी, साथ ही उन्होंने राज्य में हर साल 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थानी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। अन्य प्रमुख पहल मुख्यमंत्री की ओर से घोषित की गई महत्वपूर्ण घोषणाओं में एक विशेष प्रवासी राजस्थानी पुरस्कार का सृजन और राज्य के सभी जिलों में प्रवासी राजस्थानी समुदाय के लिए संपर्क बिंदु (POC) नियुक्त करने का निर्णय शामिल है।