अमेरिका से डब्ल्यूटीओ नियमों का ठोस उपाय करने की मांग
इस बीच, विश्व व्यापार संगठन (WTO ) ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में वस्तु व्यापार परिषद की पहली वार्षिक बैठक आयोजित की। चीन ने एजेंडा तय करने में पहल करके अमेरिका के ‘पारस्परिक टैरिफ’ उपायों और उनके प्रतिकूल प्रभावों के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की और अमेरिका से डब्ल्यूटीओ (WTO concerns) नियमों का ठोस उपाय करने की मांग की। चीन के बाद यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, कनाडा, जापान, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, ब्राजील, पेरू, कजाकिस्तान और चाड सहित 46 डब्ल्यूटीओ सदस्यों ने इस एजेंडे के तहत बात की और अमरीकी ‘पारस्परिक टैरिफ’ के बारे में चिंता व्यक्त की।आठ पॉइंट्स में समझेंः क्यों परेशान है दुनिया ?
अमेरिका ने 2002 में टैरिफ-मुक्त दुनिया बनाने के बारे में सोचा था। सपना दिखाया था कि कामकाजी महिलाओं के लिए अमेरिका के हर कोने में एक ड्यूटी-फ्री दुकान होगी। ड्यूटी-फ्री का सपना पूरा नहीं हुआ पर 2002 और 2022 के बीच टैरिफ आठ फीसदी से घटकर चार फीसदी तक जरूर आ गया था। राष्ट्रपति ट्रंप को यह रास नहीं आया और उन्होंने टैरिफ को औसतन 22 फीसदी से अधिक कर दिया है। ट्रंप के इस फैसले से दुनिया परेशान हो गई है।2- अमेरिका के पुराना साझेदार यूरोप को लग रहा है कि ट्रंप टैरिफ उसके साथ नाइंसाफी है।
3- अरबपतियों को डर है कि वर्ष के अंत तक मंदी आएगी और वे बर्बाद हो जाएंगे।