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427 रोहिंग्या की मौत, म्यांमार में दो दर्दनाक जहाज दुर्घटनाओं के काले सच का खुलासा

Rohingya Boat Tragedy: म्यांमार में मई में दो जहाज हादसों में लगभग 427 रोहिंग्या शरणार्थियों के डूबने की संयुक्त राष्ट्र ने आशंका जताई है।

भारतMay 24, 2025 / 04:33 pm

M I Zahir

Rohingya Boat Tragedy

म्यांमार तट के पास दो नाव हादसों में 427 रोहिंग्या की मौत हो गई है। (फाइल फोटो: ANI)

Rohingya Boat Tragedy: म्यांमार के सताए गए मुस्लिम अल्पसंख्यक 427 रोहिंग्या समुद्र में दो जहाज़ दुर्घटनाओं (Rohingya Boat Tragedy) में मारे गए। संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को कहा कि उसे आशंका है कि म्यांमार के उत्पीड़ित मुस्लिम अल्पसंख्यक 427 रोहिंग्या, म्यांमार तट के पास 9 और 10 मई को दो जहाज दुर्घटनाओं (Myanmar sea accidents) में मारे गए। संयुक्त राष्ट्र ने इस की आशंका जताई है।संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त ( UNHRC) ने एक बयान में कहा कि यदि इसकी पुष्टि हो जाती है तो यह इस वर्ष रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya refugees) से जुड़ी “समुद्र में सबसे घातक त्रासदी” होगी।

म्यांमार में रोहिंग्या को दशकों से सताया जा रहा है

रोहिंग्या को म्यांमार में दशकों से सताया जा रहा है। हर साल हज़ारों लोग अपने देश में दमन और गृहयुद्ध से बचने के लिए समुद्र के रास्ते भागते हैं, अक्सर अस्थायी नावों पर सवार होकर।

संयुक्त राष्ट्र म्यांमार में हुई दुर्घटनाओं से बहुत चिंतित

एक बयान में कहा गया, “संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी इस महीने के शुरू में म्यांमार के तट पर हुई दो नाव दुर्घटनाओं की खबरों से बहुत चिंतित है।”

पुष्टि करने के लिए अभी भी काम कर रहा है यूएनएचसीआर

यूएनएचसीआर ने कहा कि वह जहाज़ के डूबने की वास्तविक परिस्थितियों की पुष्टि करने के लिए अभी भी काम कर रहा है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि 267 लोगों को ले जा रहा पहला जहाज़ 9 मई को डूब गया था, जिसमें केवल 66 लोग ही जीवित बचे थे।

रोहिंग्याओं को लेकर दूसरा जहाज 10 मई को डूब गया था

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने बताया कि 247 रोहिंग्याओं को लेकर दूसरा जहाज 10 मई को डूब गया था, जिसमें केवल 21 लोग ही बच पाए थे।

बांग्लादेश के विशाल कॉक्स बाजार से निकल रहे थे

बयान में कहा गया है कि नाव पर सवार रोहिंग्या या तो बांग्लादेश के विशाल कॉक्स बाजार शरणार्थी शिविरों से निकल रहे थे या म्यांमार के पश्चिमी राज्य रखाइन से भाग रहे थे।

सेना और अराकान आर्मी में चल रही भीषण लड़ाई

ध्यान रहे कि रखाइन राज्य में सेना और जातीय अल्पसंख्यक विद्रोही समूह अराकान आर्मी के बीच क्षेत्र पर नियंत्रण को लेकर भीषण लड़ाई चल रही है।

गंभीर मानवीय स्थिति रोहिंग्या पर विनाशकारी प्रभाव डाल रही

एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए UNHCR के क्षेत्रीय ब्यूरो का नेतृत्व करने वाले हाई क्यूंग जुन ने कहा, “वित्त पोषण में कटौती के कारण गंभीर मानवीय स्थिति रोहिंग्या के जीवन पर विनाशकारी प्रभाव डाल रही है, जिससे अधिकाधिक लोग अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा, संरक्षण और सम्मानजनक जीवन की तलाश में खतरनाक यात्राओं का सहारा ले रहे हैं।”

घातक यात्राएं: अस्थायी नावों में सवार होकर पलायन

रोहिंग्या समुदाय, जो म्यांमार में दशकों से साम्प्रदायिक हिंसा और भेदभाव का शिकार रहा है, बार-बार समुद्र के रास्ते पलायन की कोशिश करता है। इनमें से अधिकतर लोग बांग्लादेश के कॉक्स बाजार शिविरों से निकलते हैं या म्यांमार के रखाइन राज्य से जान बचाकर भागते हैं।

वित्तीय कटौती और अंतरराष्ट्रीय उपेक्षा से बिगड़ी स्थिति

एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए UNHCR के प्रमुख हाई क्यूंग जुन ने कहा, “वित्त पोषण में भारी कटौती के चलते रोहिंग्या समुदाय की ज़िंदगी संकट में है। लोग अब सम्मानजनक जीवन की तलाश में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।”

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