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इराक़ में अग़वा भारतीयों को छुड़वाने वाले कौन हैं मिस्र में भारत के अगले राजदूत सुरेश के.रेड्डी, जानिए

Suresh K. Reddy : कभी विदेश में हिन्दुस्तानियों के लिए संकट मोचक साबित हो चुके सुरेश के. रेड्डी को भारत ने एक बार फिर नई जिम्मेदारी दे कर उन पर भरोसा जताया है।

भारतFeb 18, 2025 / 02:05 pm

M I Zahir

Suresh K Reddy and Egypt

Suresh K Reddy and Egypt

Suresh K.Reddy: भारत सरकार ने सुरेश के.रेड्डी को मिस्र ( Egypt ) में भारत का अगला राजदूत नियुक्त किया है। विदेश मंत्रालय ने इस आशय की जानकारी दी। राजदूत रेड्डी भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 1991 बैच के अधिकारी हैं और वर्तमान में ब्राज़ील में भारत के राजदूत हैं। भारत ( India) ने रेड्डी को बग़दाद में संकट प्रबंधक के रूप में भेजा था। उस समय वे भारतीयों को वहां से निकलवाने के कारण देवदूत बन कर उभरे थे। रेड्डी 2003 में अमेरिकी आक्रमण के बाद इराक़ में पहले भारतीय राजदूत थे। सुरेश के. रेड्डी (Suresh K.Reddy) ने इराक़ में अपने कार्यकाल के दौरान, भारतीय नागरिकों को वहां से निकालने के लिए कई कदम उठाए थे। उदाहरण के लिए, 2014 में इराक़ में युद्ध के दौरान, जब 39 भारतीय नागरिकों को अगवा किया गया था, तब सुरेश रेड्डी को इन बंधकों को छुड़वाने के लिए इराक़ भेजा गया था।

भारत और इराक के रिश्ते सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका

गौरतलब है कि उनकी कूटनीतिक क्षमताओं और अनुभव के कारण, सुरेश रेड्डी भारत और इराक़ के रिश्ते सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। उनकी कोशिशों से दोनों देशों के बीच सहयोग और समझ बढ़ी और द्विपक्षीय रिश्ते मजबूती हुए। अब उनकी मिस्र में भारत के राजदूत के रूप में उनकी नियुक्ति होने से भारत और मिस्र के रिश्ते और मजबूत होने की उम्मीद है।

क़ाहिरा, मस्कट,अबू धाबी और इस्लामाबाद में पोस्टिंग रही है

ब्राजील में भारतीय दूतावास के अनुसार, राजदूत सुरेश के रेड्डी ने 13 सितंबर, 2020 को ब्राजील के संघीय गणराज्य में भारत के राजदूत के रूप में पदभार ग्रहण किया था। क़ाहिरा, मस्कट, अबू धाबी और इस्लामाबाद में पोस्टिंग के साथ भारतीय विदेश सेवा में उनका विशिष्ट व उल्लेखनीय कैरियर रहा है। उन्होंने इराक़ और आसियान में भारत के राजदूत के रूप में भी काम किया था। दूतावास के मुताबिक, राजदूत रेड्डी ने जून से दिसंबर 2014 तक इराक़ में भारत सरकार के विशेष दूत के रूप में भी काम किया है।

बांग्लादेश, म्यान्मार, श्रीलंका और मालदीव के साथ जुड़े रहे

उन्होंने मंत्रालय में विदेश राज्य मंत्री के कार्यालय के प्रमुख सहित संवेदनशील और महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और डेस्क अधिकारी, निदेशक और महानिदेशक सहित कई कार्य किए हैं। वे पड़ोसी देशों बांग्लादेश, म्यान्मार, श्रीलंका और मालदीव के साथ जुड़े रहे हैं। रेड्डी ने विशेष रूप से पहले आसियान बहुपक्षीय आर्थिक संबंध प्रभाग की स्थापना की और उसका नेतृत्व किया और बिम्सटेक सचिवालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यूरोप और मध्य एशिया के साथ भारत के जुड़ाव का समन्वय कर चुके

विदेश मंत्रालय के अनुसार, राजदूत रेड्डी ने दिसंबर 2018 से जनवरी 2020 तक विदेश मंत्रालय में बहुपक्षीय आर्थिक संबंध प्रभाग का नेतृत्व किया और जी20, जी7, ब्रिक्स और आईबीएसए में भारत के सूस शेरपा थे। वे जनवरी 2020 से अतिरिक्त सचिव (यूरोप) के रूप में प्रतिनियुक्ति पर रहे और यूरोप और मध्य एशिया के साथ भारत के जुड़ाव का समन्वय कर रहे थे । विदेश मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति की घोषणा करते हुए अपने आधिकारिक बयान में कहा, “सुरेश के. रेड्डी (आईएफएस: 1991), जो वर्तमान में ब्राजील संघीय गणराज्य में भारत के राजदूत हैं, उन्हें मिस्र में भारत का अगला राजदूत नियुक्त किया गया है ।” उम्मीद है कि वे शीघ्र ही कार्यभार संभाल लेंगे।

मिस्र में भारतीयों की तादाद

मिस्र में भारतीय नागरिकों की संख्या लगभग 3,141 है, जिनमें 392 भारतीय मूल के व्यक्ति शामिल हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि मिस्र में भारतीय समुदाय की संख्या बहुत कम है। हालांकि,भारतीय कंपनियों की संख्या लगभग 300 है, जो मिस्र में संयुक्त उपक्रमों, पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों या कार्यालयों के रूप में कार्यरत हैं। अधिकतर भारतीय नागरिक तेल और गैस, बैंकिंग और सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत हैं।

मिस्र और भारत के रिश्तों में मज़बूती की उम्मीद

मिस्र में भारत के अगले राजदूत के रूप में सुरेश रेड्डी की नियुक्ति से दोनों देशों के बीच रिश्तों को और भी मजबूती मिलने की संभावना है। उनका पहले से ही अनुभव है, और यह उनकी कूटनीतिक क्षमता को देखते हुए माना जा रहा है कि वे भारत और मिस्र के बीच सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे। उम्मीद है कि वे जल्द ही अपना कार्यभार संभालेंगे और मिस्र में भारत के हितों की रक्षा करेंगे। उनके नेतृत्व में भारत-मिस्र रिश्ते और मजबूत होंगे और दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। सुरेश के. रेड्डी की कूटनीतिक यात्रा भारतीय विदेश सेवा के लिए एक प्रेरणा है, और उनकी नियुक्ति मिस्र में भारतीय कूटनीति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

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