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इस देश की जेल पर हमला, हजारों कैदी भागे, सैकड़ों महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर उन्हें जिंदा जलाया, 2000 लोगों के शव पड़े हुए

Mass Deaths and Sexual Violence: रवांडा समर्थित एम23 विद्रोहियों ने कांगो के गोमा शहर में सैकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कार कर उन्हें जिंदा जला दिया।

भारतFeb 07, 2025 / 12:57 pm

M I Zahir

Cango Goma Case

Cango Goma Case

Mass Deaths and Sexual Violence: कांगो में रवांडा समर्थित विद्रोही समूह ने गोमा शहर में घुस कर हाल ही में सैकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कार कर उन्हें जिंदा जला दिया । इस जगह अब तक बहुत सारे शव पड़े हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, गोमा में सामूहिक जेलब्रेक के दौरान मुंजेंज़े जेल के अंदर महिला कैदियों पर उनकी विंग में हमला किया गया। गोमा में स्थित संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के उप प्रमुख, विवियन वान डे पेरे ने बताया कि जब कई हजार पुरुष जेल से भागने में सफल रहे, तो महिलाओं के लिए आरक्षित क्षेत्र में आग लगा दी गई।

एम23 के नेतृत्व वाले संघर्षों में सबसे खराब संघर्ष

जानकारी के अनुसार गत 27 जनवरी की सुबह रवांडा समर्थित एम23 विद्रोहियों के गोमा के केंद्र में पहुंचने के तुरंत बाद ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि जेल से काले धुएं का विशाल गुबार उठ रहा था। संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों का कहना है कि यह अत्याचार कांगो के पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य में हाल ही में एम23 के नेतृत्व वाले संघर्षों में सबसे खराब मालूम होता है।

गोमा में लगभग 2000 शव अभी भी दफन होने का इंतजार कर रहे

एम 23 के प्रतिबंधों के कारण अफसर आगे की जांच के लिए जेल का दौरा करने में असमर्थ हैं, जिसका अर्थ है कि अपराधियों की पहचान नहीं हो सकी है। उधर एक तथ्य यह सामने आया कि 27 जनवरी को डीआरसी के उत्तरी किवु प्रांत की राजधानी गोमा पर एम23 सेनानियों के कब्जा करने के बाद गोमा में लगभग 2000 शव अभी भी दफन होने का इंतजार कर रहे हैं।

विद्रोहियों ने महिला विंग में आग लगा दी, बाद में सभी महिलाएं मर गईं

अब गोमा में नागरिकों की सुरक्षा के लिए तैनात हजारों संयुक्त राष्ट्र शांति-रक्षक सैनिकों के साथ मौजूद वान डी पेरे ने कहा: “4,000 भागे हुए कैदियों ने एक बड़ी जेल में तोड़फोड़ की। इनमें कुछ सौ महिलाएं भी थीं। उस जेल में सभी महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया और फिर विद्रोहियों ने महिला विंग में आग लगा दी। बाद में वे सभी महिलाएं मर गईं।”

मुंजेंज़े जेल को जलाने के बाद कैदी वहां से भाग गए

इस सप्ताह मानवाधिकार उच्चायुक्त के संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने आगाह किया कि गोमा में प्रतिद्वंद्वी सशस्त्र समूह यौन हिंसा को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। ध्यान रहे कि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के उत्तरी किवु प्रांत के विस्थापित लोग अपने परिवारों के साथ शरण लेते हैं। दस लाख से अधिक लोगों का यह शहर अभी पूरी तरह M23 बलों के पूरे कब्जे में है। उधर सोमवार को मिलिशिया ने एकतरफा “युद्धविराम की घोषणा की तब तक यह आशंका बढ़ती जा रही थी कि रवांडा अपने पड़ोसी से अधिक क्षेत्र लेने के लिए जिद पर अड़ा हुआ है, M23 सेनाएं लगातार गोमा से 120 मील दूर दक्षिण किवु प्रांत की राजधानी बुकावु की ओर बढ़ रही थीं।

एम23 पहले से ही भारी हथियारों के साथ बुकावु की दिशा में आगे बढ़ रहे थे

एलायंस फ़्लूवे कांगो (कांगो नदी गठबंधन) नामक एक राजनीतिक और सैन्य गठबंधन के एक बयान में कहा गया है कि इसका “बुकावु या अन्य इलाकों को अपने कब्जे में लेने का कोई इरादा नहीं है”। वान डी पेरे ने युद्ध विराम की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह इसी तरह रहेगा, क्योंकि वे पहले से ही भारी हथियारों के साथ बुकावु की दिशा में आगे बढ़ रहे थे, जिन्हें गोमा में सड़कों के साथ गुजरते हुए देखा जा सकता था। अगर वे पीछे हटते हैं, तो यह अच्छी खबर है। वरना, हमें संभावित रूप से हजारों मौतों को देखते हुए एक नया संघर्ष करना पड़ेगा।”

रवांडा इनकार कर रहा है कि उसकी सेनाएं पूर्वी कांगो में घुस गई हैं

उन्होंने कहा कि कांगो की वायु सेना की ओर से बुरुंडी से बुकावू पहुंचने और पास के हवाई अड्डे का इस्तेमाल करने के बाद एम23 को इस पर दुबारा विचार करना पड़ेगा। “बुरुन-डियन्स ने बुकावु में 2,000 अतिरिक्त सैनिक भेजे हैं, और वे बहुत अच्छे लड़ाके हैं। मुझे लगता है कि एम23 वर्तमान में अपने अगले कदमों पर गौर कर रहा है।” इसके उलट सुबूतों के बावजूद, रवांडा इस बात से इनकार कर रहा है कि वह एम23 का समर्थन कर रहा है या उसकी सेनाएं पूर्वी कांगो में घुस गई हैं।
हालाँकि, मोनुस्को के नाम से जाने जाने वाले संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के हिस्सा वान डे पेरे ने कहा कि उनके सहयोगियों ने गश्त के दौरान रवांडा के सैनिकों को देखा था।

एक हिस्से पर कब्ज़ा करना चाहता है…

इस बीच पेरे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से रवांडा पर दबाव बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, “हमें वास्तव में बातचीत की मेज पर वापस आने की जरूरत है।और यह तभी संभव है जब सुरक्षा परिषद के सदस्य और अन्य महत्वपूर्ण देश रवांडा और कांगो पर पुरजोर दबाव डालें।” इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने अनुमान लगाया था कि डीआरसी का पड़ोसी, रवांडा से भी बड़े डीआरसी के एक हिस्से पर कब्ज़ा करना चाहता है।”

ये समूह जवाबी हमले की तैयारी कर रहे थे

वान डी पेरे ने युद्ध विराम की घोषणा से पहले कहा था कि वे उन रिपोर्टों से चिंतित थे कि ये समूह जवाबी हमले की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने कहा, “हमारे पास पहले से ही रिपोर्ट आई थी कि कुछ जगहों पर लोग इकट्ठा हो रहे हैं और आयोजन कर रहे हैं।”वान डी पेरे ने कहा कि वह गोमा के प्रभारी एम23 अधिकारियों के साथ “लगातार बातचीत” कर रहे थे और शहर में मानवीय स्थितियाँ गंभीर थीं। उन्होंने कहा, शहर को पार करना कठिन था। “एम23 के लोग हमें अपने बेस पर भोजन और पानी लाने की इजाजत तो देते हैं, लेकिन इसके अलावा हम मुश्किल से ही इधर-उधर घूम सकते हैं।

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