विवाद और चिंता की लहर
राजनयिक व पूर्व कर्मचारी इसे “विदेश नीति में अस्थिरता” पैदा करने वाला कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि बड़े पैमाने पर छंटनी से अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय छवि और कामकाज प्रभावित हो सकता है।
ट्रंप प्रशासन के फैसले पर प्रतिक्रिया
पूर्व राजनयिकों ने इसे “संस्थानिक अनुभव की बर्बादी” बताया है। अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह राजनयिक ताकत को कमजोर करने वाला कदम है। कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने भी निजी रूप से चिंता जाहिर की कि यह विदेश नीति को प्रभावित कर सकता है। कर्मचारी संघों ने इसे “कठोर और अचानक फैसला” बताया है जिससे कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है।
ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के कुछ अछूते पहलू
कांग्रेस में इस छंटनी पर हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी में सुनवाई की मांग की जा रही है। बर्खास्त कर्मचारियों के लिए लीगल सपोर्ट ग्रुप्स और एनजीओ सक्रिय हो चुके हैं। विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि कुछ पदों को संविदा (contractual) में बदला जाएगा, जिससे खर्च घटेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ वरिष्ठ अधिकारी वैकल्पिक रोजगार की तलाश में निजी सेक्टर की ओर रुख कर रहे हैं।
दूतावासों और मिशनों में कार्यभार बढ़ गया
महिला राजनयिकों और अल्पसंख्यकों की बर्खास्ती की संख्या अपेक्षाकृत अधिक बताई जा रही है, जिससे विविधता (diversity) पर असर पड़ा है। इस निर्णय से दूतावासों और मिशनों में कार्यभार बढ़ गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की प्रतिक्रिया समय प्रभावित हो रही है। विदेश नीति विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे कदम से ग्लोबल डिप्लोमैटिक रिलेशंस कमजोर हो सकते हैं। अमेरिका के कुछ सहयोगी देश भी इस पर चिंता जता चुके हैं, खासकर जहां दूतावासों का स्टाफ घटा है।
ट्रंप प्रशासन के फैसले के पीछे वजहें , क्यों की गई 1,300+ लोगों की छंटनी ?
🔹 “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत बदलाव ट्रंप सरकार ने अपने “America First” एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विदेश विभाग में ढांचा बदलने का फैसला किया। इसका मकसद अमेरिकी हितों को प्राथमिकता देना और विदेशों में होने वाले खर्चों में कटौती करना था। 🔹 ब्यूरोक्रेसी घटाना, काम की रफ्तार बढ़ाना लगभग 300 से अधिक विभागों और कार्यालयों को मिलाया या बंद किया गया ताकि प्रशासनिक प्रक्रिया तेज़ और सरल हो सके। इससे निर्णय लेने में देरी कम होगी और कामकाज बेहतर होगा।
🔹 सरकारी खर्च में कटौती और बजट की बचत सरकार ने अनुमान लगाया कि इस छंटनी से लगभग 15–18% खर्च घटेगा। करीब 1,900 पदों को हटाने की योजना बनाई गई, जिनमें से 1,300 पदों पर अभी की छंटनी लागू की गई है। यह कदम बजट में भारी दबाव को कम करने के लिए उठाया गया।
🔹 DEI (डाइवर्सिटी, इक्विटी, इन्क्लूज़न) कार्यक्रमों पर रोक ट्रंप प्रशासन ने ‘Schedule F’ नियम का इस्तेमाल करते हुए DEI से जुड़ी कई नौकरियों को खत्म कर दिया। सरकार का मानना है कि यह कार्यक्रम पक्षपातपूर्ण और गैर-जरूरी हैं।
🔹 सुप्रीम कोर्ट से कानूनी मंज़ूरी इस बड़े फैसले को अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने भी वैध ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि प्रशासन को अधिकार है कि वह बिना कर्मचारी यूनियन की सहमति के भी नियुक्ति या छंटनी कर सकता है।